जयपुर। राजधानी जयपुर में टोंक रोड पर सांगानेर एय़रपोर्ट के निकट करीब 100 एकड़ में बनने वाला व्यावसायिक प्रोजेक्ट विवादों में घिरता जा रहा है। अब पता चला है कि दुर्गापुरा क्षेत्र के खसरा नंबर 226 से 230 के स्ट्रक्चर का मुआवजा रीको ने जानबूझकर मृत व्यक्ति के नाम बनाया। इस व्यक्ति की मृत्यु वर्ष 1982 में ही हो चुकी है, यह बात रीको के रिकॉर्ड पर भी है। लेकिन, रीको ने इसके मुआवजे का चैक आज भी बनाकर रखा हुआ है।
इधर, यह मामला अब राजभवन तक पहुंच गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक ज्ञापन के आधार पर राज्य सरकार को जैव विविधता के मद्देनजर इस फिनटेक पार्क को कहीं और जगह बनाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि टोंक रोड पर तारों की कूंट, बाढ़ की ढोल जहां रीको का फिनटेक पार्क प्रस्तावित है, वह जमीन दृव्यवती नदी से सटी हुई है। यहां सैंकडों की संख्या में दुर्लभ प्रजाति के पेड़ खड़े हुए हैं। सघन जंगल और इस क्षेत्र के लिए ऑक्सीजोन होने के कारण स्थानीय लोग भी यहां फिनटेक पार्क बनाए जाने का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संगठनों औऱ स्कूल-कॉलेज के छात्रों ने पिछले दिनों यहां रीको का काम भी रुकवा दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्थानीय आंदोलनकारी लोगों का आरोप है कि रीको ने मिलीभगत करके मुख्य टोंक रोड स्थित जैम पार्क की 58 बीघा अवाप्तशुदा भूमि एक प्राइवेट व्यक्ति के पक्ष में कोर्ट स्टे के नाम पर छोड़ दी थी। आज इस जमीन की व्यावसायिक दर से अनुमानित कीमत 800 करोड़ रुपए है। आंदोलनकारियों की दलील है कि जब रीको प्राइवेट व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी जमीन छोड़ सकती है तो फिर पर्य़ावरण के लिए इस घने जंगल को काटकर कंक्रीट का जंगल बनाना कहां तक उचित है। यह जंगल इस क्षेत्र में फेंफड़े का काम कर रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्य टोंक रोड से इस फिनटेक पार्क में जाने के लिए कोई रास्ता ही उपलब्ध नहीं है। फिर रीको क्या औद्योगिक क्षेत्र होने के आधार पर इस व्यावसायिक क्षेत्र के ले आउट प्लान को क्या टाउनशिप पॉलिसी के विपरीत जाकर अप्रूव्ड करेगा।
पर्यावरण प्रेमी कर रहे एनजीटी में जाने की तैयारीः
इधऱ, पर्यावरण प्रेमियों ने फिनटेक पार्क के नाम पर दुर्लभ प्रजाति के सैंकड़ों हरे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने मुहिम छेड़ दी है। कुछ लोग इस मामले को अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में ले जाने की तैयारी कर ली है।
सरकार की दोहरी नीति से कई कॉलोनियों के लोग परेशानः
इधर, रीको की अवाप्तशुदा जमीनों पर बस चुकी आवासीय कॉलोनियों में पट्टे दिए जाने के मामले में राज्य सरकार की दोहरी पॉलिसी के कारण ग्रीन नगर, श्रीजी नगर, तरुछाया नगर, जादौन नगर, सुदामा नगर समेत कई कॉलोनियों के लोग परेशान हैं। क्योंकि ये कॉलोनियों पिछले 25-30 साल से रीको की अवाप्तशुदा जमीन पर बसी हुई हैं।
राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले सामाजिक कार्यकर्ताः
टोंक रोड स्थित प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र में फिनटेक पार्क बनाने के नाम पर हजारों हरे पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय और कविता श्रीवास्तव के नेतृत्व में हाल ही राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करके इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। इनकी ओर से राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि यहां 60 से अधिक प्रजातियों के 2400 से ज्यादा पेड़ खड़े हैं। ज्ञापन के साथ इनकी सूची भी सौंपी है। इनका कहना है कि इस ऑक्सीजोन को बचाकर फिनटेक पार्क को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
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