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बृज की भूमि प्रेम की भूमि, काशी ज्ञान की भूमि और अयोध्या वैराग्य की भूमि है : पाराशर

The land of Brij is the land of love, Kashi is the land of knowledge and Ayodhya is the land of quietness: Parashar - Bharatpur News in Hindi

डीग। ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर चल रही श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन भागवत कथा में प्रवचन करते हुए भागवताचार्य पूज्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने कहा कि बृज की भूमि प्रेम की भूमि है।और काशी ज्ञान की भूमि है।तथा अयोध्या वैराग्य की भूमि है।

पाराशर नेउधव चरित्र, महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया। इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया।
इस दौरान रुक्मिणी विवाह की कथा का वृतांत सुनाते हुए पाराशर ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर बल दिया गया।
पाराशर ने उद्धव चरित्र कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा कि गोपियों के अलौकिक प्रेम को देखकर उद्धव के ज्ञान अहंकार का नाश हो गया। वे कहने लगे- "मैं तो इन गोप कुमारियों की चरण रज की वन्दना करता हूँ। इनके द्वारा गायी गयी श्रीहरि कथा तीनों लोकों को पवित्र करती है। पृथ्वी पर जन्म लेना तो इन गोपांगनाओं का ही सार्थक है। मेरी तो प्रबल इच्छा है कि मैं इस ब्रज में कोई वृक्ष, लता अथवा तृण बन जाऊँ, जिससे इन गोपियों की पदधूलि मुझे पवित्र करती रहे।" गोपियों की कृष्णभक्ति से उद्धव इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गोपियों की चरण रज की वन्दना की तथा इच्छा प्रकट की कि- "मैं अगले जन्म में गोपियों की चरण रज से पवित्र वृन्दावन की लता, औषध, झाड़ी आदि बनूँ।" इस प्रकार कृष्ण के प्रति ब्रजवासियों के प्रेम की सराहना करते हुए तथा नन्दादि, गोप तथा गोपियों से कृष्ण के लिए अनेक भेंट लेकर वे मथुरा लौट आये।
पाराशर ने सुदामा चरित्र लीला का वर्णन करते हुए कहा कि सच्ची पत्नि वही जो पति के मन की बात को समझ जाये।और सच्चा मित्र वही जो मित्र के दुःख में काम आये।

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Web Title-The land of Brij is the land of love, Kashi is the land of knowledge and Ayodhya is the land of quietness: Parashar
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