-24 को करेंगे सरकार शहर और गांव के संग अभियान का बहिष्कार, समझौते के बाद भी नहीं मानी मांगें ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भरतपुर। भरतपुर जिले के सभी पटवारी और तहसीलदार आज हड़ताल पर हैं। जिसके कारण तहसीलों में काम ठप्प पड़े हुए हैं। लोग अपने कामों के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। 4 अक्टूबर 2021 को राजस्थान राजस्व सेवा और राज्य सरकार के कुछ मांगों को लेकर समझौता हुआ था। जो आजतक लागू नहीं हुई, जिसके कारण सभी पटवारी और तहसीलदार आज हड़ताल पर हैं।
राजस्थान राजस्व सेवा और राजस्थान सरकार के बीच समझौता हुआ था कि, नायाब तहसीलदार का पद शत प्रतिशत पदोन्नति पद घोषित हो, सीधे भर्ती के आरटीएस को सीधे तहसीलदार पद पर संस्थित करना, तहसीलदार सेवा के पद 50 प्रतिशत पदोन्नति से और 50 प्रतिशत सीधे भर्ती से भरना, पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, नायाब तहसीलदार, तहसीलदार के कैडर का पुनर्गठन किया जाए, RAS कैडर का रिव्यू करवाया जाए, तहसीलदार से RAS के जूनियर स्केल में खाली पदों को DPC तदर्थ पदोन्नति से भरा जाना चाहिए, पटवारी और भू-अभिलेख निरीक्षकों के लिए स्थाई साफ ट्रांसफर नीति बनाई जाए, पटवारी भू-अभिलेख निरीक्षक, नायाब तहसीलदार और तहसीलदार की सैलरी को दोबारा निर्धारित किया जाए।
इन मांगों को लेकर प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में 5 बैठकें हुई, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं हुई। मांगे पूरी नहीं होने पर आज और कल सभी पटवारी और तहसीलदार हड़ताल पर रहेंगे। अगर मांगें नहीं मानी गई तो सरकार शहरों और गांव के संग अभियान का वहिष्कार किया जाएगा।
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