भरतपुर। अनुसूचित जाति जनजाति एकता मंच द्वारा कोर्ट के मामले को लेकर 2 अप्रैल को बाजार बंद किए जाने के मामले को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस मामले को लेकर व्यापारी बाजार बंद करने को तैयार नहीं हैं। चाहे कोई पार्टी हो या संगठन या समाजसेवी संगठन सभी अपने मुददों को लेकर बाजार बंद कराने का ऐलान कर देते हैं, जिससे व्यापारियों एवं आम लोगों को परेशानी होती है वहीं पुलिस एवं प्रशासन को भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोर आजमाइश करनी पड़ती है। शनिवार को इस मामले को लेकर आंदोलनकारियों ने प्रेस वार्ता की। वहीं दूसरी ओर व्यापारी वर्ग भी बाजार को खोले रखने के लिए बैठक कर रहा है।
इस संबंध में शहर व्यापार संघ की बैठक शनिवार को शहर अध्यक्ष भगवानदास बंसल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य रूप से 2 अप्रैल को भारत बंद के आव्हान पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सैशन तीन एवं दहेज के मुकदमों में जो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, वह राष्ट्रहित में है न कि किसी की भावनाओं को आहत करने के लिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के सर्वोच्च न्यायाधीश की पीठ ने हर पहलू पर विचार करने के बाद ही यह फैसला सुनाया है। इसका राष्ट्रहित में सभी को स्वागत करना चाहिए न कि विरोध।
बैठक में शहर व्यापार महासंघ ऐसे बंद का विरोध करेगा एवं जिला प्रशासन से मांग करेगा कि व्यापारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त गश्त की व्यवस्था की जाए, ताकि कोई आपराधिक घटना न हो। इसी प्रकार अनसूचित जाति जनजाति एकता मंच की ओर से 2 अप्रैल को घोषित भारत बन्द का आयोजन किया जा रहा है। अरविन्द वर्मा एवं राजकुमार पप्पा ने बताया कि भाजपा की वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा उचित पैरवी ना करने के चलते एससी एसटी एक्ट में उच्चतम न्यायालय द्वारा किए गए बदलाव के विरोध में विभिन्न समाजों द्वारा 2 अप्रैल कोे भारत बन्द का समर्थन किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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