बारां।
जिले के मांगरोल में मानवता को शर्मशार करने वाली तस्वीर सामने आई है,
जहां पर दो दलित बच्चों के थोड़ी सी गेहूं चुरा लेने पर गांव के लोगों
ने दोनों बच्चों के हाथ रस्सी से बांधकर काफी देर तक बदसलूकी की और पुलिस
को सूचित किया।
ऐसे में वहां पर जब पुलिस पहुंची तो
उसकी कार्यशैली बेहद ही चौकाने वाली रही। पुलिस इस मामले को कानूनी रूप
देने के बजाय घटना स्थल पर ही चारपाई लगाकर खुद ही न्याय कर दी। ऐसे में ना
तो बच्चों पर कोई कानूनी कार्रवाई हुई और ना ही बंधक बनाने वाले लोगों को
सबक मिल सका। दोनो ही सूरत में कायदा और कानून मजाक बनकर रह गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जानकारी
के मुताबिक मांगरोल थाना क्षेत्र के समीपवर्ती गांव पाड़लिया के एक किसान
के खलिहान में रखी हुई गेहूं चुराते हुए दो दलित बच्चों को लोगों ने पकड़
लिया। किसान बद्रीलाल गालव ने बताया कि ये बच्चे गांव के अन्य किसानों के
खलिहानों से गेहूं चुराते थे। आए दिन किसानों द्वारा गेहूं चोरी हो गया कि
बात सुनने को मिलता था। ऐसे में गांव में लोगों ने बच्चों को पकड़ने के बाद
दोनों के हाथ रस्सी से बांधकर पुलिस को सूचित किया।
ऐेसे
में जब गांव के लोगों ने पुलिस को सूचित किया तो पुलिस मौके पर आई। पुलिस
ने बिना कोई कानूनी कार्रवाई किए ही चारपाई मंगाई और उस पर बैठ गई। इस पूरे
मामले के दौरान पुलिस खुद ही अदालत, न्याय, कानून बन बच्चों के माता पिता
को पाबंद करने का फरमान सुनाकर आ गई। जबकि किसान इन दोनों बच्चों को पुलिस
के सामने ही रस्सी से बांधकर बैठाए रखा लेकिन कानून के रखवाले चारपाई पर
बैठ कानून की खिल्ली उड़ाते हुए दिखाई दिए। घटना के दौरान गांव के कुछ लोग
बच्चों के आसपास डंडे लेकर खड़े रहे. दोनों बच्चे मासूमों की तरह बैठे रहे लेकिन किसी का भी दिल इस दौरान नही पसीजा।
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