अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि पिछले
चार वर्षों में राजस्थान में स्कूली शिक्षा में क्रान्तिकारी रूप से
सकारात्मक बदलाव हुआ है। राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में 18वें से तीसरे
स्थान पर आ गया है और बहुत ही शीघ्र हम पूरे देश में अव्वल होंगे। प्रदेश
की यह सफलता हमारे योग्य शिक्षकों के बल पर है। हम इस परिवर्तन को और गति
देंगे ताकि हमारे विद्यार्थी पूरे देश में सबसे आगे रहें। वर्तमान युग
सूचनाओं के तेजी से आदान -प्रदान का युग है। राजस्थान के सभी संस्था प्रधान
अब विभाग से ऑनलाइन भी कनेक्टेड होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिक्षा
राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने आज अजमेर से प्रदेश के सभी
प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्यों को टेबलेट वितरण योजना का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि टेबलेट वितरण से संस्था
प्रधान सीधे शिक्षा विभाग से सम्पर्क में रहेंगे। सूचना के आदान -प्रदान
में तेजी आएगी। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए हमने कक्षा एक से 8 तक विद्यालयों
में लर्निंग लेवल तय किए हैं। राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् और रमसा को
एकीकृत करके प्रदेश में शिक्षा का और अधिक प्रभावी विकास किया जाएगा।
उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षाें में नवाचारों को अपनाते हुए
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए 85 हजार करोड़ रूपये व्यय
कर प्रदेश को शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की पहल की है। इसी से
हाल के आए राष्ट्रीय सर्वे में कभी 18 वें स्थान पर रहने वाला राजस्थान आज
शिक्षा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर आ गया है।
उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार वषोर्ंं में प्रदेश में स्कूलों के
एकीकरण, प्रत्येक ग्राम पंचायत में 9 हजार 895 आदर्श एव 9500 उत्कृष्ट
विद्यालयों की स्थापना की जहां पहल की वहीं एक लाख 9 हजार शिक्षकों की
रिकॉर्ड पदोन्नतियॉं प्रदान की। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी के सभी पद
भर दिए गए। आज 142 जिला शिक्षा अधिकारी पद भरे हुए हैं साथ ही
प्रधानाचार्य के भी 95 प्रतिशत से अधिक पद भर दिए गए हैं।
उन्होंने
कहा कि सरकार जब सत्ता में आई तब शिक्षा क्षेत्र में 52 प्रतिशत शिक्षकाें
के पद रिक्त थे जो अब घट कर मात्र 15 प्रतिशत तक ही रह गए हैं। उन्होंने
कहा कि राज्य में एक लाख 50 हजार के करीब नवीन नियुक्तियॉं की पहल की गई
है। इसमें सीधी भर्ती से 87 हजार 634 पदों पर शिक्षकों की जहां नई
नियुक्तियां की है वहीं 16 हजार 669 पदों पर शिक्षकों की भर्ती
प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले
विद्यालयों में 60 लाख का नामांकन था। राज्य सरकार द्वारा राजकीय
विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए किए प्रयासों से सरकारी विद्यालयों के स्तर
में वृद्धि हुई। इसी का परिणाम रहा कि आज सरकारी विद्यालयों में 82 लाख के
करीब नामांकन हो गया है। यानी पिछले चार सालों में नामांकन में 22 लाख की
वृद्धि हुई है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि
पिछले चार वर्ष शिक्षा में बेहतरीन विकास के रहे हैं। राष्ट्रीय सर्वेक्षण
में और ‘असर‘ की रिपार्ट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में राजस्थान जहां पहले
नम्बर पर रहा है वहीं भारत सरकार द्वारा ‘स्वच्छ विद्यालय‘ योजना के
अंतर्गत भी देशभर में राजस्थान आंध्रप्रदेश और तमिलनाडू के बाद तीसरे स्थान
पर रहा। सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम निजी विद्यालयों से आगे
निकला। बालिका शिक्षा में राजस्थान अग्रणी हुआ और 75 प्रतिशत से अधिक अंक
लाने पर मिलने वाले गार्गी पुरस्कार की संख्या में भी इन प्रयासों के कारण
तीन गुना तक वृद्धि हुई। आज 1 लाख 46 हजार बालिकाओं को यह पुरस्कार दिया जा
रहा है।
श्री देवनानी ने कहा कि प्रारंभिक
शिक्षा में पंचायत स्तर पर सुदृढ मोनिटरिंग के लिए पंचायत एलिमेंट्री
एजुकेशन ऑफिसर लगाए गए हैं। देशभर में स्टार्फिंग पैटर्न की सराहना हुई
है। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में प्री-प्राईमरी स्कूल की शुरूआत। इसके तहत
11500 आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्कूलों से एकीकृत किया गया। विद्यालयों के
विकास के लिए विद्यालय सलाहकार समितियों का गठन किया गया। मातृशक्ति से
शैक्षिक उन्नयन के लिए पहली बार ‘मदर-टीचर्स‘ बैठकों का आयोजन किया गया।
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