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अजमेर। दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अजमेर को राष्ट्रीय जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र भी प्रधानमंत्री को भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अजमेर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है, जो न केवल ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह बल्कि जैन धर्म से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों से भी जुड़ा हुआ है।
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दरगाह दीवान ने यह भी बताया कि अजमेर में आचार्य 108 विद्यासागर महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर देशभर में जैन समाज इसे विशेष रूप से मनाएगा। उन्होंने इस मांग को जैन धर्म के प्रति सच्चा सम्मान और भारत की समृद्ध धार्मिक धरोहर को और भी प्रतिष्ठित करने वाला कदम बताया।
इस बयान के बाद, विष्णु गुप्ता, जिन्होंने दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे की याचिका डाली थी, ने दीवान का समर्थन करते हुए कहा कि कम से कम अब यह माना गया है कि अजमेर जैनियों का तीर्थ स्थल है। यह मामला अब एक नई बहस का कारण बन गया है, जिसमें विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक पहचान को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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