आंनदपुर साहिब। हर वर्ष की तरह इस बार भी दशम पातशाही साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी द्वारा श्री आंनदपुर साहिब के किले को छोड़ने की याद में विशाल दशमेश पैदल मार्च का आयोजन किया गया। यह 30वां विशाल पैदल मार्च किला आंनदगढ़ साहिब से शुरू होकर गुरूद्वारा मैदेआणा तक पहुंचा और यहाँ समाप्त हुआ।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इतिहास के अनुसार, 6 और 7 पोह की रात को गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपने परिवार के साथ किला आंनदगढ़ साहिब को हमेशा के लिए छोड़ दिया था। इसके बाद, गुरू महाराज का परिवार तीन हिस्सों में बट गया और गढ़ी चमकोर साहिब में साहिबजादों की शहादत हुई, जहां मुग़ल हकूमत ने साहिबजादों को दीवारों में बंद कर शहीद कर दिया था।
हर साल इस ऐतिहासिक घटना की याद में किला आंनदगढ़ साहिब में किला छोड़ दिवस मनाया जाता है, और इसी उपलक्ष्य में विशाल दशमेश पैदल मार्च का आयोजन किया जाता है। इस मार्च के दौरान श्रद्धालुओं ने गुरू साहिब के योगदान और उनके परिवार के बलिदान को याद किया।
विशेष अतिथि: इस मौके पर पंजाब के शिक्षा मंत्री एडवोकेट हरजोत सिंह बैंस विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिन्होंने इस आयोजन को सम्मानित किया और इसके महत्व को रेखांकित किया।
मार्च के बाद विशाल कीर्तन दरवार का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने संगत के साथ भव्य कीर्तन का आनंद लिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि गुरू साहिब की शहादत और बलिदान की याद को ताजा रखने के लिए एक श्रद्धांजलि भी था।
यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि पंजाब के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह श्रद्धालुओं को गुरू साहिब के बलिदान और उनके सिद्धांतों से प्रेरित करता है।
समय रैना के शो 'India's Got Latent' पर विवाद: गुवाहाटी पुलिस ने जजेस पर दर्ज की एफआईआर
भाजपा शासित राजस्थान और हरियाणा में दो कद्दावर मंत्रियों, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और अनिल विज को कारण बताओ नोटिस, अनुशासनहीनता का आरोप
राष्ट्रपति ने बड़े हनुमान के दरबार में टेका मत्था, अक्षयवट और सरस्वती कूप का किया दर्शन
Daily Horoscope