फिलौर । पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे के दौरान लगभग 14 वर्ष पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पिछले कार्यकाल के समय अपने पाक पंजाब के समकक्ष की ओर से एक अनोखा परन्तु आकर्षक तोहफ़ा मिला था। यह सुल्तान नाम का दर्शनीय घोड़ा था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दुर्भाग्य से सुल्तान को भारत पहुँचने पर भयानक बीमारी कारण अलग रखा गया था और वह ज़्यादा समय जीवित नहीं रह सका था। हालाँकि कैप्टन अमरिंदर सिंह का साल 2004 के इस दौरे के दौरान पाकिस्तानी पंजाब के समकालीन मुख्यमंत्री परवेज इलाही के साथ रिश्ता सुल्तान की अपेक्षा ज़्यादा समय तक बना रहा। कैप्टन अमरिंदर को दिए तोहफ़े के ज़्यादा देर जि़ंदा न रहने कारण श्री इलाही भी नाख़ुश थे और उन्होंनेे एक ओैर घोड़ा तोहफ़े के तौर पर देने का फ़ैसला किया था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह यह नया तोहफ़ा मिलने बाद तुरंत इस सन्नी नाम के बछड़े पर मोहित हो गए थे और उन्होंने इसकी देख -रेख पंजाब पुलिस अकैडमी (पीपीए) को सौंप दी थी।
बुधवार को जब मुख्यमंत्री पासिंग आउट परेड के लिए स्थानीय पीपीए आए तो उन्होंने सन्नी को मिलने की इच्छा ज़ाहिर की। मुख्यमंत्री को अभी भी याद था कि इस घोड़े ने तब अपनी टांग ज़ख्मी कर ली थी। वास्तव में सुबह पीपीए पहुँचते ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सन्नी संबंधीे पूछा और उसे देखने की इच्छा अभिव्यक्त की। अधिकारियों ने तुरंत इस मिलन का इंतज़ाम कर दिया।
चाहे यह मिलन कुछ पलों का ही था परन्तु मुख्यमंत्री की यादें ताज़ा हो गर्इं क्योंकि वह इस घोड़े की सेहत के लिए चिंतित और लम्बे समय के बाद हुये इस मिलन से खुश लग रहे थे।
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