मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की चकाचौंध में अंधेरी ईस्ट से एक खास उम्मीदवार ने जोरदार प्रवेश किया है। पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी, स्वीकृति शर्मा, जिन्होंने हाल ही में शिवसेना के शिंदे गुट का साथ छोड़ा और पार्टी से टिकट न मिलने के बाद, स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरीं। उन्होंने 36.45 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जो इस चुनाव में चर्चा का प्रमुख विषय बन गई है।
शिवसेना से टिकट न मिलने के बाद स्वीकृति ने अंधेरी ईस्ट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया, ताकि इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। अपने हलफनामे में स्वीकृति ने यह भी साफ किया कि संपत्तियों का अधिकांश हिस्सा उनके अपने व्यावसायिक प्रयासों का परिणाम है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पारिवारिक संपत्ति और आय का खुलासा : एक आकर्षक तुलना स्वीकृति के हलफनामे के मुताबिक, उनकी सालाना आय 2023-24 में 2.61 करोड़ रुपये रही, जबकि उनके पति की आय केवल 1.48 लाख रुपये रही। इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संपत्ति उनकी मेहनत से अर्जित है, जिसमें उनके पति का बहुत कम हिस्सा है।
उनकी बेटी, निकेता, जो एक बैकअप के रूप में नामांकन दाखिल कर चुकी थीं, का भी हलफनामा दिलचस्प है। निकेता के पास 11.96 करोड़ की संपत्ति है, जिसे उन्होंने अपने व्यवसाय से अर्जित किया है। स्विक्रुति का कहना है, "हम राजनेता नहीं हैं, हमने हमेशा सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका निभाई है।" उनके शब्दों में जनता के प्रति उनके ईमानदार इरादों की झलक मिलती है।
विवादों से घिरे प्रदीप शर्मा के साथ खड़ी स्वीकृति पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में अपने पति की विवादित छवि को लेकर स्वीकृति ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आपने जो पढ़ा और सुना है, वह केवल एक छवि है। प्रदीप जी एक नेकदिल इंसान हैं, और उनकी छवि केवल अखबारों तक सीमित नहीं है। अंधेरी के लोग उनके प्रति अत्यधिक सम्मान रखते हैं।"
मनसुख हिरेन हत्याकांड जैसे विवादास्पद मुद्दों पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने अपने पति को निर्दोष बताते हुए कहा, "उस मामले में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया था। कई लोग उन्हें अच्छी तरह जानते हैं, और वह कुछ गलत नहीं कर सकते।"
चुनावी प्राथमिकताएं : स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा स्वीकृति ने अंधेरी ईस्ट के झुग्गी बस्तियों में स्वच्छ पानी, जल निकासी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमने हमेशा सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम किया है, और यही हमारी असली पहचान है। हमारी प्राथमिकताएं स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा पर आधारित रहेंगी।"
स्वीकृति शर्मा की उम्मीदवारी और उनकी विशाल संपत्ति ने इस चुनाव में एक नई दिलचस्पी को जन्म दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता की इस महिला सामाजिक कार्यकर्ता पर कैसी प्रतिक्रिया रहती है, खासकर तब जब उनके पति के अतीत की गूंज चुनावी मैदान में गूंज रही है।
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