मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 100 करोड़ पीएमएलए मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके दो बेटों हृषिकेश और सलिल के खिलाफ दायर अपने सप्लीमेंट्री आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि देशमुख तबादला और पोस्टिंग के लिए अपनी पसंद के पुलिस अधिकारियों की सूची तैयार करते थे। यह सूची वह तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के साथ साझा किया। आईपीएस अधिकारियों सहित मुंबई पुलिस के 12 अधिकारियों की सूची ईडी की जांच के दायरे में है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ईडी यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या पुलिस अधिकारियों से उनकी पसंद की पोस्टिंग के लिए पैसा वसूल किया गया था या पैसे का कोई अन्य लेनदेन था।
कुंटे और सिंह ने ईडी अधिकारियों द्वारा दर्ज अपने बयान में बताया है कि उन्हें देशमुख से पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए पुलिस अधिकारियों की अनौपचारिक सूची मिलती थी।
हालांकि, देशमुख ने कहा है कि उन्हें उक्त सूची महाराष्ट्र के एक कैबिनेट मंत्री ने दी थी।
सिंह ने कहा था कि कैबिनेट मंत्री देशमुख सह्याद्री गेस्ट हाउस में उनसे मिलते थे, जहां उन्हें स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए अधिकारियों की सूची दी गई थी। परमबीर सिंह ने 10 डीसीपी के तबादले का आदेश जारी किया था, जिसे देशमुख और परिवहन मंत्री अनिल परब ने रोक दिया था।
मामले में गिरफ्तार किए गए सचिन वाजे ने आरोप लगाया है कि उस सूची में शामिल अधिकारियों ने 40 करोड़ रुपये एकत्र किए। इस आरोप की जांच की जा रही है।
सचिन वाजे को 16 साल के निलंबन के बाद मुंबई पुलिस में वापस ले लिया गया था। देशमुख ने कथित तौर पर उनके फिर से शामिल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आरोप लगाया गया है कि वाजे को बहुत सारे सनसनीखेज मामले दिए गए ताकि वह पैसा इकट्ठा कर सके।
देशमुख और वाजे अक्सर फोन पर बात करते थे। दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच, वाजे ने पूरे मुंबई में स्थित ऑर्केस्ट्रा बार के मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए।
देशमुख के पीए कुंदन शिंदे ने कथित तौर पर वजे से उक्त राशि एकत्र की। देशमुख के पीएस सूर्यकांत पलांडे ने कथित तौर पर देशमुख की ओर से निर्देश पारित किए।
7,000 पेजों से अधिक का सप्लीमेंट्री आरोप पत्र दिसंबर में मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर किया गया था।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने देशमुख पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ही उन्हें मुंबई में बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये लेने के लिए मजबूर कर रहे थे। उन्होंने ये आरोप तब लगाए जब एंटीलिया केस के बाद उन्हें पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया था। देशमुख ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।
--आईएएनएस
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