मुंबई। दुग्ध उत्पादक किसानों ने
हजारों की संख्या में सोमवार सुबह अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यहां विरोध
प्रदर्शन शुरू किया। इसके कारण महाराष्ट्र के बड़े व छोटे शहरों में दूध की
आपूर्ति प्रभावित हुई।
मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और अन्य प्रमुख शहरों के लिए जा रहे दूध के
टैंकरों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में रोककर विरोध प्रदर्शन किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आंदोलन
के जारी रहने पर नासिक व कोल्हापुर से मुबंई के लिए जाने वाले करीब एक
दर्जन दूध के टैंकरों को सशस्त्र पुलिस के पहरे में भेजा गया, जबकि विपक्षी
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व अन्य ने आंदोलनकारियों
को अपना समर्थन दिया।
स्वाभिमानी शेतकारी संघटना (एसएसएस) और
महाराष्ट्र किसान सभा (एमकेएस) के नेतृत्व में किसानों के समूहों ने दूध पर
पांच रुपये प्रति लीटर सब्सिडी व मक्खन व दूध पाउडर पर वस्तु एवं सेवा कर
में छूट की मांग की है।
लाखों लीटर दूध से लदे टैंकरों को पुणे,
नासिक, कोल्हापुर, सांगली, बीड, पालघर, बुलढाणा, औरंगाबाद व सोलापुर के
रास्तों में रोका गया और उन्हें सड़कों पर खाली कर दिया गया, जबकि एक टैंकर
में अमरावती के निकट आग लगा दी गई।
अन्य स्थानों पर कार्यकर्ताओं
ने प्रतीकात्मक रूप में पंढरपुर, पुणे, बीड, नासिक, अहमदनगर व दूसरे जगहों
पर विरोध दर्ज कराने के लिए प्रमुख मंदिरों में 'दुग्ध अभिषेक' कराया।
हालांकि, राज्य सरकार ने प्रदर्शन को लेकर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
एसएसएस
अध्यक्ष और सांसद राजू शेट्टी और एमकेएस अध्यक्ष अजीत नवले जैसे शीर्ष
नेता कुछ स्थानों पर दूध टैंकरों को रोकने के लिए सड़कों पर उतरे, जबकि कई
बड़े और छोटे दूध सहकारी समितियों ने किसानों के आंदोलन को समर्थन देने की
घोषणा की।
शेट्टी ने मीडिया से कहा, "राज्य सरकार ने 27 रुपये प्रति
लीटर की खरीद कीमत तय की है, लेकिन किसानों को केवल 17 रुपये प्रति लीटर
मिलते हैं। हम गोवा, कर्नाटक और केरल की तरह किसानों के लिए पांच रुपये की
प्रत्यक्ष सब्सिडी की मांग कर रहे हैं।"
शेट्टी ने मीडिया से कहा,
"स्कीम्ड दूध पाउडर की कीमत में गिरावट के साथ दुग्ध सहकारी समितियों को
मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।"
नवले ने कहा कि सरकार के दूध
पाउडर पर 50 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी की घोषणा से किसानों को
फायदा नहीं होगा, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दूध पाउडर की कीमतें
गिर गईं, लेकिन इसका फायदा निजी कंपनियों को हो रहा है, जो इसे पाउडर में
बदलती हैं।
इस मुद्दे को महाराष्ट्र विधानसभा में उठाया गया। इस पर
पशुपालन व डेयरी विकास मंत्री महादेव जानकर ने भरोसा दिया कि शहरों को दूध
की कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मुंबई में 15 दिनों का पर्याप्त
भंडार है। मुंबई को हर रोज सात लाख लीटर ताजा दूध की आवश्यकता होती है।
ज्यादातर शहरी केंद्रों में एक करोड़ लीटर की खपत होती है।
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