भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहांनी पार्क में अतिथि शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं का शुक्रवार को दूसरे दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी है। आंदोलनकारी समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से अबतक बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य भर से तीनों वर्गों के आंदोलनकारी प्रदेश सरकार के रवैए से बेहद खफा हैं। उनका आरोप है कि उनसे बंधुआ मजदूरों की तरह काम लिया जाता है, जिसके एवज में उन्हें मनरेगा के मजदूर से भी कम रोजनदारी मिलती है। यहां न तो छुट्टी का प्रावधान है और किसी दुख व खुशी के अवसर पर छुट्टी लेने पर मानदेय काट लिया जाता है।
मप्र अतिथि शिक्षक संगठन समिति के संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह और अध्यक्ष शंभू चरण दुबे ने कहा, ‘‘बीते एक दशक से ज्यादा समय से अतिथि शिक्षकों के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं का सरकार सिर्फ शोषण कर रही है। आश्वासन दिए जाते हैं, मगर उन्हें पूरा नहीं किया जाता। इस बार आंदोलनकारी अपना हक पाकर ही भोपाल से लौटेंगे।’’
प्रदेश भर के हजारों अतिथि शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका शाहजहांनी पार्क में जमा हुए हैं। वे यहां गुरुवार से धरना दे रहे हैं। अतिथि शिक्षकों को 2,400 रुपये मासिक दिए जाते हैं, जबकि उनकी मांग है कि उन्हें संविदा शिक्षकों के समान वेतन दिया जाए। वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, आशा कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने स्थाई आधार पर वेतन की मांग की है।
--आईएएनएस
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