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किसानों ने मांगा हक तो पुलिस ने की बर्बरता, सरकार ने दिया जांच का आदेश

टीकमगढ़/भोपाल। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कपड़े उतरवाकर अर्धनग्न स्थिति में हवालात में रखे जाने के विरोध में आधे दिन शहर (टीकमगढ़) बंद रहा। पुलिस बर्बरता की चौतरफा निंदा हो रही है, वहीं सरकार ने पूरी प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने एक हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। मंगलवार को कांग्रेस के खेत बचाओ, किसान बचाओ आंदोलन में हिस्सा लेने बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने की जिद पर अड़े किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और इस दौरान पथराव भी हुआ था। किसानों के मुताबिक, वे आंदोलन में हिस्सा लेने के बाद ट्रैक्टर से अपने गांव लौट रहे थे, तभी उन्हें देहात थाने की पुलिस ने रोका और हवालात में बंद कर पीटा और कपड़े उतरवा लिए। इस घटना के विरोध में कांग्रेस ने बुधवार को टीकमगढ़ में आधे दिन के बंद का आह्वान किया, जो सफल रहा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाका ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने एक हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ अशांति फैलाने का प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं किसानों को थाने के लॉकअप में बंद किए जाने की जांच हो रही है। टीकमगढ़ की घटना ने राज्य के राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। तमाम विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। साथ ही मुख्यमंत्री चौहान से इस्तीफा भी मांगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि टीकमगढ़ में वाजिब मांगों के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर की गई कार्रवाई निंदनीय है, सरकार लगातार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। किसानों को बिना कपड़ों के पुलिस लॉकअप में बंद करना शर्मनाक है।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि किसान पुत्र की सरकार में मंदसौर कांड के जख्म अभी सूखे नहीं और अब टीकमगढ़ में किसानों पर बर्बरता की गई। शिवराज ने दमन के मामले में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने पुलिस कार्रवाई को राजनीतिक आतंकवाद बताया है। उन्होंने कहा, मंगलवार को किसानों पर पुलिस ने जहां लाठीचार्ज कर अमानवीय ढंग से प्रताडि़त किया, वहीं किसानों के वाहन रोक, उन्हें अर्धनग्न कर हवालात में बेरहमी से पिटाई की, यही नहीं किसानों के हाथों की कलाई और गले में पहने हुए धार्मिक धागों को भी निकाल फेंका, जो उनकी धार्मिक भावनाओं पर भी प्रत्यक्ष आघात है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि टीकमगढ़ की घटना ने शिवराज सरकार के चेहरे से किसानों की सरकार का नकली नकाब उतर गया है। यह मानव अधिकारों का भी हनन है। शिवराज सिंह चौहान को इस घटना के बाद एक मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने एक बयान में कहा है कि शिवराज सरकार ने किसानों के सम्मान को चोट पहुंचाई है। टीकमगढ़ को सूखा ग्रस्त घोषित करने और पीने के पानी की मांग करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज करना और बाद में उन्हे अर्धनग्न करके हवालात में डाल देना एक ऐसी घटना है, जिसे अंग्रेजों की गुलामी के दौर में भी इस देश की जनता ने नहीं देखा था।

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Web Title-Farmers Allegedly Stripped, Thrashed By Police, MP Government Orders Probe
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