बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि सप्ताहांत और रात के कर्फ्यू को हटाने का फैसला वैज्ञानिक आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोपहर बाद विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के साथ बैठक में सप्ताहांत के कर्फ्यू को जारी रखने पर फैसला किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मुद्दे पर कई विधायक, सांसद और संगठन अपनी राय देने को तैयार हैं। बोम्मई ने कहा कि विशेषज्ञों के विचारों और कोविड की प्रचलित तीसरी लहर की प्रवृत्ति के आधार पर एक उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "हम इस बात पर विचार करेंगे कि तीसरी लहर कैसे सामने आई और इसके भविष्य के परिणाम क्या होंगे। हम अब तक की गई कार्रवाई और मौजूदा स्थिति और निर्णय पर भी वैज्ञानिक आधार पर चर्चा करेंगे।"
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, "राज्य सरकार वंचितों के लिए अन्ना (भोजन), आश्रय (आश्रय) और अक्षरा (शिक्षा) प्रदान करने के 'त्रिविध दशोहा' के रूप में अपना कर्तव्य निभा रही है।"
तुमकुरु सिद्धगंगा मठ में 'दसोहा दिन' में भाग लेने के लिए जाने से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "सिद्धगंगा मठ ने कर्नाटक में दसोहा (दान) की संस्कृति की शुरूआत की है।"
"श्री शिवकुमार स्वामीजी ने अक्षर और भावना में बसवेश्वर के आदशरें का पालन किया है। राज्य सरकार ने सिद्धगंगा मठ में दशोह दिवस मनाने का फैसला किया है। हमारी सरकार महान द्रष्टा द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल रही है। प्रति व्यक्ति चावल का कोटा 4 किग्रा से बढ़ाकर 4 किग्रा कर दिया गया है। 5 किलो रागी और ज्वार भी क्षेत्र के खान-पान के अनुसार बांटा जा रहा है।"
बोम्मई ने कहा, "राज्य सरकार ने निर्माण श्रमिकों और किसानों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करके 'विद्या दसोहा' (शैक्षिक दान) शुरू किया है। एक विशाल आवास परियोजना लागू की जा रही है। लगभग 5 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है।"
--आईएएनएस
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