रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहे रघुबर दास को उनके सबसे सुरक्षित क्षेत्र जमशेदपुर (पूर्व) में पटखनी देने वाले राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का मुख्यमंत्री दास को पार्टी का ठेका दे देना पार्टी पर भारी पड़ा। भाजपा की करारी हार और झामुमो, कांग्रेस अैर राजद के गठबंधन की जीत को अहंकार पर संस्कार की जीत बताते हुए सरयू राय ने कहा कि मुख्यमंत्री दास के पास बदजुबानी और बेईमानी जुड़ गई थी और अहंकार हो गया था, जिस कारण उनको हार का सामना करना पड़ा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में सरयू राय ने कहा कि पिछले काफी दिनों से दास झारखंड में अलोकप्रिय हो गए थे, जिसे पार्टी का नेतृत्व समझ नहीं सका और पार्टी का पूरा ठेका उन्हीं को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि दास अपने मन की करते चले गए, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को छोडक़र जमशेदपुर (पूर्व) से बतौर निर्दलीय चुनाव में उतरने और मुख्यमंत्री को पटखनी देने वाले राय ने झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन के साथ जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि मैं कहीं नहीं जा रहा।
मैं तटस्थ रहूंगा, ना इधर ना उधर। राज्यहित, जनहित और देशहित का काम करूंगा। मेरा निर्णय गुण और दोष के आधार पर होगा। इस कारण मैं तटस्थ रहूंगा। जो इन सभी चीजों के हित में होगा, वह करूंगा। उन्होंने अपनी जीत को जमशेदपुर के लोगों की जीत बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री के परिवार से पिछले पांच वर्षो से अक्रांत थे और इस भय से छुटकारा चाहते थे।
सरकार की ओर से जो गलत काम हो रहे थे, उसकी खबर मीडिया और सोशल मीडिया से लोगों को मिल रही थी, जिस कारण लोगों ने रघुबर दास को सबक सिखाने की ठानी थी। उन्होंने कहा, मैंने तो केवल एक आवाज उठाई थी, उसके बाद लोगों ने मुझे हाथों हाथ ले लिए। मैंने तो कुछ किया ही नहीं। पूरा चुनाव ही वहां की जनता लड़ी और चुनाव जीती है।
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