श्रीनगर । पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम
नबी आजाद ने रविवार को कहा कि उन्होंने अपने नए राजनीतिक एजेंडे में
अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा नहीं किया है क्योंकि वह झूठे वादे करने
में विश्वास नहीं रखते हैं।
उत्तरी कश्मीर के बारामूला शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने
कहा, "अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए लोकसभा में लगभग 350 वोट और
राज्यसभा में 175 वोटों की आवश्यकता होगी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
"यह एक संख्या है जो
किसी भी राजनीतिक दल के पास नहीं है या कभी भी मिलने की संभावना नहीं है।
कांग्रेस 50 से कम सीटों पर सिमट गई है और अगर वे अनुच्छेद 370 को बहाल
करने की बात करते हैं, तो वे झूठे वादे कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा
कि उनके राजनीतिक एजेंडे में स्थानीय लोगों के लिए राज्य का दर्जा, भूमि और
नौकरियों की बहाली शामिल है क्योंकि ये प्राप्त करने योग्य उद्देश्य हैं।
उन्होंने
कहा, "कुछ लोगों ने मुझ पर गृह मंत्री द्वारा लाए गए अनुच्छेद 370 को
समाप्त करने केप्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का आरोप लगाया है।"
उन्होंने
कहा, "मैंने निरस्त करने के खिलाफ मतदान किया है और ये लोग जिन्हें संसद
के कामकाज के बारे में कोई जानकारी नहीं है, वे कह रहे हैं कि मैंने
अनुच्छेद 370 के खिलाफ मतदान किया था।"
उन्होंने कहा कि जब वह राज्य
के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने फर्जी मुठभेड़ करने के आरोप में 13 पुलिस
कर्मियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें तीन लोग मारे गए थे।
उन्होंने कहा, "गिरफ्तार व्यक्ति पिछले 15 साल से जेल में हैं।"
उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों और जिलों के निर्माण की बात की।
"मुख्यमंत्री
के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान चार नए जिले घाटी में और तीन जम्मू
संभाग में बनाए गए थे। उस अवधि के दौरान मुझे नए मेडिकल कॉलेज मिले।"
उन्होंने जनसभा को आश्वासन दिया, "चुनाव के दौरान मुझे चार वोट मिले या लाखों वोट, मैं लोगों को कभी धोखा नहीं दूंगा।"
कांग्रेस पार्टी की मूल सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आजाद की कश्मीर में यह पहली जनसभा थी।
--आईएएनएस
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