धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने गुरुवार को एक बार फिर सदन से वाॅकआउट किया। कांग्रेस ने यह वाॅकआउट ऊना जिले की स्वां नदी में अवैध खनन के मुद्दे पर किया। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के माध्यम से स्वां में अवैध खनन का मामला उठाया। अग्निहोत्री का कहना था कि स्वां नदी में अवैध खनन को लेकर अराजकता फैल गई है और खनन का कोई अनुशासन नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि पोकलेन और जेसीबी जैसी बड़ी मशीनें अवैध खनन के लिए स्वां नदी में पहुंची हैं, जबकि ऐसी मशीनों को स्वां में ले जाने की इजाजत नहीं हैं, क्योंकि वहां मशीनों से खनन की इजाजत ही नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अग्निहोत्री का यह भी कहना था कि रात के समय खनन की इजाजत नहीं है, लेकिन अब वहां सारी रात खनन हो रहा है और 20-20 टायरों वाले ट्राले नदी से रेता बजरी ढोने में लगे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि उन्होंने यह मामला सीएम तक से उठाया है और स्थानीय लोगों ने डीजीपी और एसपी (को पत्र लिखे हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने उद्योग मंत्री को उनके साथ स्वां नदी का पैदल दौरा करने की पेशकश की और वहां हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस बटालियन तैनात करने की मांग की। उन्होंने स्वां नदी में खनन के लिए दी गई सभी लीज को तुरंत रद्द करने की भी मांग की। इस पर उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ( ने कहा कि ऊना जिले में खनन के लिए 91 लीज दी गई है। इनमें से 78 लीज पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई, जबकि मौजूदा सरकार ने केवल 13 लीज दी है। उन्होंने कहा कि सरकार अवैध खनन को लेकर गंभीर है और बीते दो सालों तक अवैध खनन के 791 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने माना कि स्वां में अवैध खनन हो रहा है, लेकिन बीते दो सालों से ही नहीं हो रहा है, बल्कि काफी सालों से यह समस्या बनी हुई है। इसी मुद्दे पर मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा शोरगुल करने पर सीएम जयराम ठाकुर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यदि विपक्ष चाहता है तो सरकार नूरपुर की तर्ज पर स्वां नदी में अवैध खनन रोकने के लिए बटालियन लगाने को तैयार है।
उन्होंने भी माना कि स्वां नदी में अवैध खनन माफिया सक्रिय है और यह माफिया वह सब करता है, जिसकी कानून इजाजत नहीं देता है। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध खनन माफिया दो वर्षों से ही नहीं, बल्कि वर्षों से सक्रिय है। इसी के चलते उद्योग मंत्री ने स्वयं तीन बार स्वां नदी में छापा मारा, जिसका विपक्ष को स्वागत करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि खनन माफिया को कतई छूट नहीं दी जाएगी और सरकार इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। सीएम ने यह भी कहा कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों से बात की है। सीएम के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और नारे लगाते हुए सदन से बाहर चला गया।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बाद में विपक्ष के वाॅकआउट की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह वाॅकआउट किसी कारण से नहीं, बल्कि विपक्ष ने अपनी हाजिरी लगाने के लिए किया। उन्होंने कहा कि जब सीएम ने जवाब दे दिया था तो वाकआउट का मतलब ही नहीं बनता था। भारद्वाज ने यह भी कहा कि खनन माफिया आज का नहीं, बल्कि कांग्रेस के समय से है और सीएम ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सीएम जयराम ठाकुर ने अवैध खनन को लेकर विपक्ष के हंगामे पर तंज कसा है। तपोवन विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष यह चाहे, स्वां में अभी बटालियन भेजो तो यह संभव नहीं। इसको लेकर विपक्ष का इतना जिद्दीपन ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में अवैध खनन जैसे महत्वपूर्ण विषय पर गंभीरता से चर्चा हुई। जब मंत्री जवाब दे रहे थे तो जवाब को स्वीकार करना चाहिए था। सदन से वाॅकआउट करना ठीक नहीं था। विपक्ष ने बटालियन भेजने की बात की है। हमने कहा है कि इस विचार करेंगे। हर पहलू पर सोच विचार होगा। अगर बटालियन भेजना आवश्यक लगा तो इस मामले में आगे बढ़ेंगे। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आज नहीं यह कई साल से चला है। जब बीजेपी सरकार आई तो अवैध खनन पर सख्ती की गई। सदन में मंत्री ने बताया कि वह खुद कई बार औचक निरीक्षण पर गए हैं और अवैध खनन करने वालों पर शिकंजा कसा है।
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