शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पिछले कई दिनों से पानी की किल्लत को लेकर यहां रहने वाले लोगों ने कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। पानी की किल्लत से जूझ रहे शिमला के लोग सडक़ों पर उतर रहे हैं। पानी की किल्लत को रोकने के लिए जगह-जगह टैंकर के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है, जिसे लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ सडक़ों पर कतारे लगाए दिख रही है। इसी दौरान शनिवार शाम यहां माल रोड पर एक बड़ा हादसा हो गया, जहां पानी के टैंकर से कुचलकर एक महिला की मौत हो गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मिली जानकारी के अनुसार, टैंकर रिज मैदान से पटियोग की तरफ पानी सप्लाई करने जा रहा था। तभी ड्राइवर को मिर्गी का दौरा पड़ा, जिसकी वजह से टैंकर अनियंत्रित हो गया और महिला उसकी चपेट में आ गई। उसे गंभीर रूप से घायल हालत में आईजीएमसी ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। मृतक महिला की पहचान 65 साल उमा कपरेट के नाम से हुई है, जो कांग्रेस के पूर्व पार्षद सूषांत कपरेट की मां थी। बताया जा रहा है कि महिला अपनी पोती और बहू के साथ टहल रही थी, तभी यह हादसा हुआ। इस दौरान बहू संदीपना कपरेट ने बच्ची को अपनी ओर खींचा, जिस वजह से उसकी जान बच गई। इस घटना के चश्मदीद जगदीश ने बताया कि हादसे के वक्त चालक बेहोश मिला और पुलिस कर्मचारियों ने ही उसे टैंकर से बाहर निकाला।
एएसपी प्रवीण कुमार ने इस घटना को लेकर बताया कि महिला मूलत चडिय़ाणा गांव की रहने वाली है और छोटा शिमला में रहती थी। उन्होंने बताया कि टैंकर चालक के मुंह से झाग निकल रहा था। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि चालक को मिर्गी का दौरा पड़ा होगा। चालक को रिपन अस्पताल ले जाया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी की किल्लत को लेकर कल भी प्रदर्शन जारी रहे।
राजधानी के घनी आबादी वाले कसुम्पटी इलाके में लगातार 15वें दिन पानी की भारी कमी जारी है। सैकड़ों निवासियों ने राज्य सचिवालय की ओर जाने वाली सडक़ों पर जाम लगा दिया और शिमला नगर पालिका व सरकार के खिलाफ नारे लगाए। पानी की किल्लत को देखते हुए स्कूल-कॉलेज पांच दिनों तक बंद कर दिये गए हैं। गृहिणी संजना जिंदल ने बताया, ‘उच्च न्यायालय द्वारा शहर में चक्रिय आधार पर पानी की आपूर्ति करने के निर्देश के बावजूद इस इलाके में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।’
खबरों की माने तो शिमला के पेयजल भंडारण टैंकों में पहुंचने वाले पानी की मात्रा 20 एमएलडी से भी कम हो गई है। यहां करीब 70 फीसदी तक पानी का स्तर गिर गया है। शहरी विकास मंत्रालय के मापदंडों के अनुसार 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी के हिसाब से शहर में हर रोज आपूर्ति के लिए केवल 36.45 एमएलडी पानी की जरूरत है। शिमला में आम दिनों में रोजाना 42 मिलियन लीटर पानी की सप्लाई होती है, जो इस बार गर्मी में केवल 22 मिलियन लीटर रह गई है।
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