हमीरपुर। हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा ने वीरवार को ग्राम पंचायत ललीन में आयोजित नुक्कड़ सभाओं के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री दो दिन हमीरपुर में रहे और अपनी उपलब्धियां गिनाने की बजाए महज मुझे ही कोसते रहे। उपलब्धियां तो मुख्यमंत्री तब गिनते जब उन्होंने हमीरपुर के लिए कुछ किया होता। सरकार का डेढ़ साल से अधिक का समय मित्रों व परिवार को सेट करने में लगा दिया।
मुख्यमंत्री आए दिन आरोप लगा रहे हैं कि आशीष शर्मा ने विधायक बनने के बाद 135 करोड़ के टेंडर लिए। उन्होंने एक माह पहले लंबलू में इन टेंडर्स की राशि 100 करोड़ बताई थी। यहीं से स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं।
आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री को हिदायत दी है कि अगर झूठ ही बोलना है तो कम से कम आंकड़े एक समान रखिए।
उन्होंने कहा कि उनके पास उन सभी कार्यों की डिटेल है जिन विकास कार्यों को लेकर वह मुख्यमंत्री से मिलते रहे लेकिन मुख्यमंत्री ने उन दस्तावेजों को डस्टबिन में डालने का काम किया और एक भी योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री अब उपचुनाव में हमीरपुर में आ रहे हैं लेकिन इससे पहले उन्होंने कभी हमीरपुर की सुध नहीं ली।
वह लगातार कहते आ रहे हैं कि विधायक केवल टेंडर के लिए मेरे पास आता था लेकिन सचिवालय का एक-एक कर्मचारी गवाह है कि उनके कमरे के बाहर बैठने के बावजूद के बावजूद भी अप्रैल 2023 के बाद उन्होंने मुझे मिलने तक का समय नहीं है।
हमीरपुर जिला में एचपी शिवा प्रोजेक्ट का मुख्य कार्यालय खोलने की मांग सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद मैंने सरकार के समक्ष की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मांग के दस्तावेज को भी डस्टबिन में डाल दिया।
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में अस्पताल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग खोलने की मांग मुख्यमंत्री से की गई।
ताकि मेडिकल कॉलेज में मरीजों को उपचार के लिए किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन मुख्यमंत्री ने भी इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
विधानसभा क्षेत्र में 18 विभिन्न लिंक रोड बनाने के लिए मुख्यमंत्री से मांग की गई।
लेकिन मुख्यमंत्री ने एक भी नहीं सुनी इसके अलावा धनेड क्षेत्र में आईटीआई, ताल क्षेत्र में कोई बड़ा संस्थान, गसोता महादेव का सौंदर्य करण व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग भी मुख्यमंत्री से की गई लेकिन मुख्यमंत्री के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
एक बस स्टैंड का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री ने तब किया जब राज्यसभा के चुनाव वाला एपिसोड हुआ।
मुख्यमंत्री अभी उपचुनाव में हमीरपुर आ रहे हैं। लेकिन इन चुनावों के बाद वह न तो हमीरपुर की सुध लेंगे और न ही हमीरपुर के लोगों की। क्योंकि इससे पहले वह सुजानपुर और बड़सर में भी यही कहकर गए थे कि मुख्यमंत्री आपका हूं और आपके बीच में रहूंगा। लेकिन चुनाव के बाद एक बार भी वह इन विधानसभा क्षेत्र में नहीं गए।
अगर हमीरपुर की जनता के सुख-दुख में कोई शामिल होने आएगा तो वह हमीरपुर का बेटा आशीष शर्मा ही आएगा। मुख्यमंत्री जहां चुनाव हों वहीं के बन जाते हैं। कभी कहते हैं कि देहरा के हैं, कभी नादौन के कभी हमीरपुर के तो कभी खुद को कांगड़ा के बताते हैं।
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