धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों राजधानी शिमला में चल रहे विधानसभा के मानसून सत्र से लेकर ऊना तक एक पुलिस अफसर की खासी चर्चा हो रही है। जिसके तबादले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक लामबंद हो गये हैं। यहां बात हो रही है ऊना के एसपी दिवाकर शर्मा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अपनी दबंग ईमानदार छवि के पुलिस अफसर दिवाकर शर्मा प्रदेश के जिला कांगड़ा के धर्मशाला से सटे दाड़ी के रहने वाले हैं। दिवाकर शर्मा 1999 बैच के हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। वह ऊना में बतौर डीएसपी भी अपनी सेवायें दे चुके हैं। इनके पिता पेशे से वकील हैं।
इन दिनों ऊना में एसपी के तौर पर तैनात दिवाकर शर्मा की 2018 में आईपीएस में इंडक्शन हुई थी और उन्हें 2013 का बैच मिला था। ऊना में बतौर एसपी उन्होंने चिट्टे के सबसे अधिक केस पकड़े हैं। अपने ही पुलिस कर्मियों पर नजर रखने के लिए देर रात थाना चौकियों में दबिश दी है। शराब में नशे में धुत्त पुलिस कर्मियों और रिश्वत लेने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की है। लेकिन इस सब के बावजूद कुछ नेताओं को उनकी कार्यशैली रास नहीं आ रही है। चूंकि नेताओं की माफिया के साथ मिलिभगत किसी से छिपी नहीं है।
दरअसल,पिछले दिनों ऊना में एक गाड़ी से अवैध शराब पकडऩे पर पुलिस टीम पर हमला किया गया था। इस पर ऊना से कांग्रेस के विधायत सतपाल रायजादा के पीएसओ और पीए के अलावा गाड़ी चालक को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ऊना के पेखूबेला गांव में पुलिस जब शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी तो महिद्र सैनी उर्फ दीपू सैनी निवासी संतोषगढ़, विजय कुमार निवासी फतेहपुर ने अरुण कुमार निवासी सनोली, ऊना का पक्ष लेकर पुलिस कर्मचारियों के साथ मारपीट की। पुलिस कर्मियों ने पुलिस अधीक्षक को मामले की सूचना दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को पकड़कर लिया। आरोपितों के खिलाफ धारा 353, 332,147 व 149 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने विधायक की गाड़ी समेत एक अन्य कार को भी कब्जे में ले लिया है।
लेकिन अब विपक्ष इस मसले पर विधानसभा में हंगामा कर रहा है। विपक्ष ऊना के एसपी को हटाने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार ने एसपी को हटाने और ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया है। हालांकि, मामले की जांच सीआईडी को सौंपेगी जाएगी। ऐसा सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है। कांगड़ा के लोग भी कांग्रेस पार्टी के रवैये से हैरान हैं कि किस तरह कांग्रेस विधायक माफिया की वकालत कर एक ईमानदार पुलिस अफसर को हतोत्साहित कर रहे हैं।
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