रोहतक। रुह सिहर उठती है इन बच्चियों के साथ अपना घर अनाथालय में हुई ज्यादतियों की कहानी सुनकर। छह साल पुराने इस मामले में दोषियों को सीबीआई की विशेष अदालत में शुक्रवार को सजा
सुनाई। अदालत ने तीन दोषियों को उम्रकैद, जबकि एक को सात साल की सजा सुनाई
है। पांच अन्य आरोपियों को राहत देते हुए जमानत पर छोड़ दिया गया है। मामले
में दोषी अपना घर की संचालिका जसवंती देवी सहित उम्रकैद के तीनों दोषियों
को अदालत ने 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रोहतक स्थित अनाथालय ‘अपना घर’ में यौन उत्पीड़न, मारपीट सहित अन्य मामलों
की शिकायत मिलने पर 9 मई, 2012 को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)
की टीम ने छापामारी की थी।उस वक्त अपना घर से करीब 100 युवतियां और बच्चों
को मुक्त करवाने के बाद पुलिस में मामला दर्ज किया था।
बच्चियों और
युवतियों से पूछताछ के बाद यौन शोषण और मानसिक शोषण, मारपीट सहित अन्य
धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने 19
पेज की रिपोर्ट में जसवंती के एक-एक अत्याचार की भयावह कहानी को उजागर किया
है। आयोग के सदस्य विनोद टिक्कू व डाक्टर दिनेश लोरिया की तरफ से
सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि जब छापा मारा गया तो बच्चियों
डरी और सहमी हुई थीं।
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