पंचकूला। नाट्य लेखन शिविर के चौथे दिन प्रसिद्ध टीवी सीरीयल जोधा-अकबर और देवो के देव महादेव के संवाद लेखक अखिलेश मिश्र “बोधिसत्व” ने रूबरू होते हुए कहाकि हर इंसान धरती पर अभिनेता है। जिंदगी रंगमंच का दूसरा नाम है।
उन्होंने कहा कि लेखन बहुत ही महत्वपूर्ण सामाचार, कहानी, कविता संस्मरण कुछ भी लिखना जीवन और समाज को सकारात्मक बनाना है। उन्होंने कहा कि नाट्य लेखन वैशिष्टय कार्य है। ऐसे में नाटक लिखना सभी विधाओं को जीना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल शर्मा ने कहाकि निदेशक अंशज सिंह के मार्गदर्शन और मुख्य प्रशासक अजीत बाला जी जोशी की प्रेरणा से आयोजित यह 9 दिवसीय लेखन शिविर स्कूल शिक्षा के इतिहास मे दर्ज होगा।
बलजिन्द्र चहल ने कहा कि समकालीन प्रश्नों के समाधान में नाटक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। नाटक नवजागरण का सशक्त माध्यम है। नाटक समाज के सभी वर्गाें को संबोधित है नाटक में सभी विधाओं का समावेश है।
शिविर निदेशक चन्द्रभूषण ने कहाकि शिविर में हिस्सा लेने वाले शिक्षक हरियाणा के साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
शिविर की सह निर्देशक नाट्य लेखक रीता राय ने कहाकि भारतीय समाज में रंगमंच अपने समय के सत्य को उद्घाटित करता रहा है।
भारतीय अध्यनचित्त परम्परा में भरतमुनि ने नाटक को वेद की संज्ञा दी है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को शिविर में हरियाणा की देशज परम्परा वेशभूषा और जीवन शैली को रचना का आधार बनाया जाएगा।
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