नूंह।
मरोड़ा गांव में जिला प्रशासन शुक्रवार को द्वारा अवैध कब्जे के बहाने लगभग
दो दर्जन मकानो पर पीला पंजा चला कर तोड़ दिया गया। इस जमीन पर पिछले 15
साल से गरीब लोग मकान बना कर रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मरोड़ा गांव के राम सिंह,हासिम,उमर
मौहम्मद,जुहरू,आजाद अहमद आदि ने बताया कि बरसात के समय में जिला प्रशासन
ने गुप-चुप तरीके से कार्यवाही कर लगभग दो दर्जन परिवारों के मकानों को
जेसी बी से तोड़ने से गरीब खुले आसमान में रहने पर मजबूर हैे। उन्होंने कहा
कि मकान तोडने से पहले गरीबों को नोटिस देना चाहिए था,जिला प्रशासन की ओर
से किसी को सूचना नहीं दी गई,ग्रामीणों ने बताया कि विरोध करने पर अनेक
लोगों के साथ पुलिस द्वारा मार-पीट की गई। जिला प्रशासन द्वारा की गई
कार्यवाही से मरोड़ा गांव में प्रशासन के प्रति और गुस्सा फैल गया है।
उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन गरीबों को रहने के लिए छत का सहारा देती है
लेकिन यंहा जिला प्रशासन गरीबों को बेघर कर रहा है। ग्रामीणों के सामने
बरसात के मौसम में सिर छुपाने की मुसीबत खड़ी हो गई है। इस संबंध डयूटी
मजिस्ट्रेट एंव तहसीलदार बस्तीराम ने बताया कि यह पंचायत की भूमि थे उक्त
लोगों ने पंचायत भूमि पर नाजायज कब्जा कर मकान बनाए हुए थे।
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