नूंह।
ग्रामीण खेल कहलाने वाले कबड्डी का क्रेज नूंह जिले में तेजी से बढ़ा है।
वर्ष 2017 में नूंह जिले में प्रो कबड्डी की शुरुआत हुई , जिसमें सैकड़ों
छुपी हुई प्रतिभाएं सामने आई। साल के अंतिम दिन रविवार को उंटका गांव के
मिडिल स्कूल प्रांगण में जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
जिसमें दर्जनों टीमों ने भाग लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अंडर
11 - 17 से लेकर सीनियर टीमों के बीच कबड्डी मैच खेले गए। कबड्डी मैच का
लुत्फ़ उठाने के लिए भारी भीड़ उंटका गांव में जुटी। खिलाडियों ने ट्राफी पर
कब्ज़ा ज़माने के लिए खूब जोर आजमाइश की। कबड्डी मैच में रेफरी की भूमिका
अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी कोच रहे वेदराम शर्मा ने मैच रेफ़री की भूमिका निभाई।
बुजुर्गों ने पुराने ग्रामीण खेल कबड्डी को कई वर्षों बाद आंखों के सामने
देखा , तो वो भी खिलाडियों का उत्साह बढ़ाने में पीछे नहीं रहे। टूर्नामेंट
में छपेड़ा , आलदोका , उंटका , सालाहेड़ी , घासेड़ा , फिरोजपुर नमक , मालब ,
टपकन इत्यादि गांवों की टीमों ने भाग लिया।
आपको बता दें कि कुश्ती -
कबड्डी को ग्रामीण खेलकूद कहा जाता है ,लेकिन पिछले करीब दो दशक में कबड्डी
का क्रेज बुरी तरह गांवों में गिरा और क्रिकेट का जादू सर चढ़कर बोलने लगा।
वर्ष 2017 में नवीन लाठर ने प्रो कबड्डी की शुरुआत की तो लोगों ने इसमें
बड़ी दिलचस्पी दिखाई , तो सैकड़ों नौजवान ग्रामीण खेल कबड्डी के लिए सामने आ
गए। अब वह दिन दूर नहीं जब राषट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नूंह जिले
के बच्चे कबड्डी में इलाके का नाम रोशन करेंगे।
PM मोदी ने किया भारतीय प्रवासियों को संबोधित, कहा- आज दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर चलने की जरुरत है
जातीय जनगणना को लेकर सभी दलों की सहमति नहीं आई है, आने के बाद ही होगी बैठक - नीतीश
हज 2022 के ट्रेनिंग कार्यक्रम में बोले नकवी: दशकों से हज सब्सिडी के बल पर चला सियासी छल
Daily Horoscope