करनाल। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), क्षेत्रीय केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मपाल ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण एक उभरता हुआ क्षेत्र है। बदलती जीवनशैली, खानपान की आदतें, शहरीकरण आदि के कारण प्रसंस्कृत और खाने के लिए तैयार खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ रही है और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।
खाद्य क्षेत्र में निरंतर प्रगति ने खाद्य सुरक्षा को भी चिंता का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना दिया है।
खाद्य उत्पादन के बदलते वैश्विक पैटर्न, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, तकनीकी नवाचार और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ने खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता पेशेवरों की भारी मांग पैदा की है। खाद्य सुरक्षा निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं, नियामकों और उपभोक्ताओं के लिए प्राथमिकता और आवश्यकता का क्षेत्र बन गया है।
खाद्य उद्योग के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खाद्यजनित बीमारियों और खाद्य विषाक्तता से बचाने में मदद करती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हाल के दिनों में, खाद्य-जनित बीमारियों की व्यापकता और खाद्य सुरक्षा से संबंधित घटनाओं पर कई रिपोर्टों के कारण विज्ञान-आधारित खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 को अधिनियमित और लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में योग्य और खाद्य सुरक्षा मानकों की आवश्यकता हुई है। विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षित कार्यबल की आवश्यकता है।
खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन में स्नातक डिग्री कार्यक्रम खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों के विभिन्न हितधारकों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन उत्पन्न करना, खाद्य विज्ञान, खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य सुरक्षा जैसे बहु-विषयक क्षेत्रों में ज्ञान और कौशल बढ़ाना और खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा और खाद्य लेखा परीक्षा में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है।
इस कार्यक्रम को करने के बाद खाद्य उद्योग खाद्य सुरक्षा अधिकारी/निरीक्षक, प्रमाणन और निरीक्षण निकायों में खाद्य सुरक्षा लेखा परीक्षक, प्रशिक्षण/परामर्श निकायों में प्रशिक्षक/पराम/आतिथ्य संस्थानों में खाद्य सुरक्षा टीम लीडर/पर्यवेक्षक/प्रबंधक,गुणवत्ता नियंत्रण विभाग में तकनीकी अधिकारी,नियामक निकायों, खाद्य सुरक्षा विभाग आदि मेंर्शदाता, खुदरा श्रृंखला/उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन टीम के सदस्य, प्रमाणित पेशेवरों, परामर्शदाता, प्रशिक्षक, लेखा परीक्षक के रूप में स्व-रोजगार स्थापित किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में दाखिला लेने के लिए विज्ञान/कृषि विषयों के साथ 10+2 होना अनिवार्य है इस कार्यक्रम में दाखिले के लिए आपको रु. 6000/- प्रति वर्ष प्लस पंजीकरण/विकास शुल्क देना होगा सर्टिफिकेट और सेमेस्टर पाठ्यक्रमों को छोड़कर बाकि सभी पाठ्यक्रमों में अब 15 अक्टूबर 2024 तक दाखिला ले सकतें है।
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