कैथल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती रमजान में सीज फायर की बजाए पावन पवित्र महीने में यह अपील करें कि मुसलमान सच्चा मुसलमान बनकर दिखाएं। गोली, बम, पत्थरबाजी, हमलों की बजाए शांति, प्रेम, पवित्रता व विकास के रास्ते को चुनें तो धरती के स्वर्ग कश्मीर में हर समय सीज फायर से भी अच्छा माहौल रहेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इंद्रेश कुमार शुक्रवार को कैथल में एक विवाह समारोह में शिरकत करने के लिए आए हुए थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात को सुनिश्चित करें कि घाटी में रमजान में कोई पत्थर नहीं उठाएगा, कोई बंदूक नहीं उठाएगा। रमजान पाकिस्तान सहित मुस्लमानों के लिए एक इम्तेहान है कि पावन पवित्र महीने में किसी का खून नहीं बहेगा, किसी पर पत्थर नहीं चलेगा, कोई गोली नहीं चलेगी। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आए। यह पूरे विश्व के मुस्लिम नेताओं, मौलानाओं व धर्म गुरुओं के लिए भी चुनौती है।
कश्मीर में पयर्टन की पत्थरबाजी में मौत पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विदेशी ताकतें कश्मीर के युवाओं को बहकाकर देशविरोधी कार्यों में लगा रही है। जब कश्मीर की जनता इनके खिलाफ खड़ी होगी तो अपने आप विकास का रास्ता खुलेगा। कश्मीर की जनता यह मांग करे कि पाक कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को छोड़ दे और रमजान की सही तस्वीर प्रस्तुत करे।
पूरे विश्व में मस्जिद बनाने के पांच नियम हैं। जिसमें जमीन दान या खरीदी गई हो, किसी दूसरे धर्म की जगह ना हो, हर तरह से पाक जमीन हो और किसी शहंशाह या व्यक्ति के नाम होकर खुदा के किसी भी नाम से हो। इसीलिए खुद मुस्लमान नेता व मौलवी कहते हैं कि बाबरी के नाम से पूरे विश्व में कहीं भी मस्जिद नहीं बन सकती। यह पाप है।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की ओर से शीघ्र ही देश में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। जिसमें चीन के तिब्बत व हिमालय के भू-भाग पर अवैध कब्जे के खिलाफ लोगों के हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। रमजान, रक्षाबंधन, नवरात्र, दीपावली, गुरु पर्व, बाबा साहब अंबेडकर जन्मोत्सव सहित अनेक अवसरों पर लोगों से अपील की जाएगी कि चीनी माल का बहिष्कार करें। इससे देश में २ से ३ करोड़ लोग बेघर हो गए हैं। चीन का विस्तारवाद चीन के लिए ही हानिकारक है।
उन्होंने कहा कि जिन्ना की तस्वीर पर उठे सवाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिन्ना के हाथ लाखों लाख हिंदूओं व मुस्लमानों के खून से रंगे हैं। वह देश के विभाजन के जिम्मेवार हैं। इसीलिए देश में जहां भी उनकी तस्वीर लगी है, देशवासी खुद उसे उतार दें। जो नहीं उतारता, वह शैतान का साथ देने जैसा होगा। कांग्रेसी नेताओं द्वारा जिन्ना व भगत सिंह को समान बताने पर कांग्रेस व राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से भी अपील है कि रामजन्म भूमि के स्थल को लेकर चल रहे केस में शीघ्र फैसला दें। वहां कोई मस्जिद के अवशेष नहीं मिले हैं। वेटीकन सिटी एक है, मक्का-मदीना एक है, स्वर्ण मंदिर एक हैं। इसी तरह श्रीराम जन्म भूमि भी एक है। उम्मीद है कि २०१८ में इस संबंध में फैसला आएगा और भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन सकेगा। उनके साथ हरियाणा वन विभाग में चेयरमैन अरुण सर्राफ भी मौजूद थे।
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