हिसार। हरियाणा कान्फैड के पूर्व अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहाकि सरकार द्वारा धान की खरीद ना करने से किसान बर्बादी के कगार पर है। किसान को अपनी धान रखने के लिए ना ही मंडियों में ना ही घर में जगह है इसलिए किसान मजबूरी में अपनी धान एमएसपी से 200 रुपए से लेकर 350 रुपए प्रति क्विंटल तक कम में बेच रहा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण हरियाणा की अनाज मंडियां पूरी तरह धान से भरी हुई है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की तरफ से बहुत धीमी गति से धान का उठान होने से किसान व आढ़ती परेशान है। पैसे खाने के चक्कर में सरकारी अधिकारी जानबूझकर धान खरीद में देरी कर रहे हैं इसी प्रकार सरकारी ठेकेदार धान उठाने के नाम पर आढ़तियों से प्रति बोरी पैसे मांग रहे हैं। सरकार को सरकारी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स करनी चाहिए कि 72 घंटे के अंदर-अंदर किसान की धान की खरीद, उठान व भुगतान होना चाहिए जो भी सरकारी अधिकारी खरीद व उठान में लापरवाही बरते सरकार को उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की हर अनाज खरीद पर आढ़तियों को पहले की तरह ढाई प्रतिशत पूरी दामी देनी चाहिए जबकि सरकार ने धान, गेहूं व बाजरे पर आढ़त कम करने के साथ-साथ नरमा, सरसों आदि अनाज पर आढ़तियों की आढ़त खत्म करके निंदनीय कार्य किया है। जिसके कारण आढ़तियों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है। सरकार को आढ़ती, मिलर व किसान की समस्या का समाधान करना चाहिए।
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