चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले 9 सालों में स्वास्थ्य क्षेत्र में हरियाणा की तस्वीर बदली है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हरियाणा ने जिस गति से प्रगति की है, वह अपने आप में उल्लेखनीय है। स्वास्थ्य क्षेत्र का आधारभूत ढांचा मजबूत करने व नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बजट में अभूतपूर्व रूप से वृद्धि की है। जहां वर्ष 2014 में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट मात्र 2800 करोड़ रुपए था, वहीं आज वर्ष 2024-25 में 9,647 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज इत्यादि की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश के लोगों को उच्चकोटि की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार हरियाणा के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोल रही है। इस समय प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 15 हो गई है। इनमें से 9 मेडिकल कॉलेज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में खुले हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले, इसी ध्येय के साथ राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। यह तभी संभव होगा, जब डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। इसी उद्देश्य के साथ राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है।
परिणामस्वरूप एमबीबीएस की सीटों में हुई 3 गुणा वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में प्रदेश में जहां एमबीबीएस सीटें केवल 700 थी, वहीं वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान आज एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर 2185 हो गई है। पीजी की सीटें भी 289 से बढ़कर 851 हो गई हैं।
5 मेडिकल कॉलेज और 5 नर्सिंग कॉलेज किए जा रहे स्थापित
स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में कुटैल, करनाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, भिवानी जिला, जींद के गांव हैबतपुर, गुरुग्राम, कोरियावास, जिला नारनौल में 5 मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। इसके अलावा, जिला फरीदाबाद, पंचकूला, कैथल, कुरुक्षेत्र व रेवाड़ी में 5 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान छायंसा, जिला फरीदाबाद में बंद हुए गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज को सरकार के अधीन लेकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम से शुरू किया है। इसके अलावा, कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय खोला गया है। करनाल में नर्सिंग कॉलेज व फिजियोथेरेपी कॉलेज खोले गए हैं। सफीदों में भी एक नर्सिंग कॉलेज खोला गया है। वहीं, पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान की स्थापना की जा रही है।
सरकार द्वारा बाढ़सा, जिला झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान खोला गया है। माजरा, जिला रेवाड़ी में एम्स स्थापित किया जा रहा है। अम्बाला छावनी के सिविल अस्पताल में केंद्र-राज्य सहभागिता आधार पर 72 करोड़ रुपये की लागत से टरशरी कैंसर केयर सेंटर (टी.सी.सी.सी.) की स्थापना की गई है। इसमें कैंसर के मरीजों को सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र व अमृत केंद्र खोले गए हैं।
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