चंडीगढ़।
हरियाणा पंजाबी स्वाभिमान संघ ने हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों को आड़े
हाथों लेते हुए हरियाणा में अब तक सत्ता संभालने वाले सभी राजनीतिक दलों को
कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्वाभिमान संघ ने हरियाणा की वर्तमान मनोहर
सरकार व पूर्व की सरकारों पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए प्रदेश में अपनी
आबादी के आधार पर राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग उठाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा
पंजाबी स्वाभिमान संघ के संरक्षक अनिल कुमार मदान, उपसंरक्षक देवेंद्र
धमीजा, मुख्य सलाहकार ईश सरना, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत बख्शी, महासचिव चिराग
डंग, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्याम मेहता, उपप्रधान उमेश तनेजा ने आज यहां
पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हरियाणा गठन से लेकर अब तक पंजाबी समाज के
साथ अनदेखी की गई है। पंजाबियों को उनकी जनसंख्या के आधार पर राजनीतिक
हिस्सेदारी कभी नहीं मिली है।
हरियाणा के
सभी राजनीतिक दलों से लोकसभा, विधानसभा और राज्यसभा में अपनी हिस्सेदारी
सुनिश्चित करने की मांग करते हुए पंजाबी नेताओं ने कहा कि विभाजन के पश्चात
भारत में आए हुए विस्थापित परिवारों को सरकार ने देने के लिए जो जमीन अलॉट
की थी वह पिछली कांग्रेस सरकार ने अधिसूचना जारी करके 80 हजार एकड़ जमीन
केंद्र सरकार को वापस कर दी थी। पिछले चार साल से पंजाबी समाज उस जमीन को
दोबारा अपने नाम अलाट करवाने के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन कहीं कोई
सुनवाई नहीं हो रही है।
पंजाबी नेताओं ने
कहा कि जो भी राजनीतिक दल हरियाणा में 25 से 30 विधानसभा सीट, दो लोकसभा व
एक राज्यसभा सीट से पंजाबी समुदाय को प्रतिनिधित्व देगा आगामी चुनाव में
पंजाबी स्वाभिमान संघ द्वारा उसी का समर्थन किया जाएगा।
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