चंडीगढ़।
आपकी स्कूली किताबों में जल्द ही सिर्फ गणित, विज्ञान या इतिहास ही नहीं, बल्कि योग भी होगा। जी हां, हरियाणा प्रशासन ने 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को योग का नया विकल्प देने की योजना शुरू की है। मतलब, अब बड़े बच्चे भी अपने स्कूल में योग कोर्स में बैठेंगे, पढ़ेंगे और खुद को स्वस्थ रखने की कला सीखेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
1st से 10th में जरूरी, 11-12 में विकल्प!
पहली से दसवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए योग पहले से ही जरूरी है। इससे पहले बच्चे योग के महत्व और फायदे को समझ चुके होंगे। सरकार ने अब एक कदम आगे बढ़कर 11वीं-12वीं कक्षा के लिए योग को एक विषय बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कमेटी बनी, प्रयास शुरू
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव के निर्देशन में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है। इस नए विषय को पाठ्यक्रम में कैसे शामिल किया जाए, ताकि बच्चे इसे जल्दी से समझ सकें और इसका पूरा उपयोग कर सकें, यह निर्धारित करने के लिए समिति में राज्य शिक्षा और योग विशेषज्ञ शामिल हैं, जैसे कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक और हरियाणा योग आयोग के रजिस्ट्रार।
योग: क्लासरूम से सीधे जीवन तक!
योग जीवन जीने का तरीका है, न कि केवल कसरत या शारीरिक गतिविधि। इसके माध्यम से, बच्चे मानसिक तंदुरुस्ती और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों विकसित कर सकते हैं। ध्यान, श्वास अभ्यास और शरीर की मुद्राएँ उन्हें तनाव से लड़ने, ध्यान केंद्रित करने और अधिक सकारात्मक आत्म-सम्मान विकसित करने में सक्षम बनाती हैं।
प्रशिक्षक मिलेंगे, बच्चे खिलेंगे!
सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि यह नया विचार सफल हो। पीएम मॉडल संस्कृति और क्लस्टर स्कूलों में, 857 योग सहायकों को काम पर रखा जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर बच्चे को योग के बारे में सटीक जानकारी मिले। यह कदम बच्चों को योग को केवल एक विषय के रूप में न रखकर अपने दैनिक जीवन में शामिल करने में मदद करेगा।
जहां योग, वहीं जोश!
आज की दुनिया में शैक्षणिक दबाव और मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं के लिए योग आराम की एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकता है। मानसिक शांति और स्वास्थ्य में सुधार से पढ़ाई भी बढ़ेगी। हरियाणा प्रशासन की यह पहल न केवल शिक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि बच्चों के सामान्य विकास में भी सहायक होगी।
योग के बारे में यह नया कदम क्यों ज़रूरी है?
स्कूलों में योग को शामिल करने से बच्चों को शुरू से ही स्वस्थ जीवनशैली जीने की आदत डालने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, योग के वैज्ञानिक लाभ भी हैं: यह तनाव को कम करता है, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है और बच्चों के अंदर अच्छी ऊर्जा पैदा करता है। ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों को वैकल्पिक विषय देने से वे अपनी पसंद के अनुसार इस कला को गहराई से समझ सकेंगे।
इस संबंध में हरियाणा का यह निर्णय बच्चों के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक प्रेरक प्रयास है। ये बच्चे अगले सालों में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और सशक्त होंगे, साथ ही स्कूल में भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इसलिए, माता-पिता और बच्चों दोनों के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का यह एक बढ़िया मौका है।
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