चंडीगढ़। एनआईए, स्पैशल कोर्ट, चंडीगढ़ ने अप्रैल-2022 के बुड़ैल जेल टिफिन बम केस के मास्टर माइंड जसविन्द्र सिंह उर्फ मुल्तानी को शुक्रवार भगौड़ा करार कर दिया। एनआईए की जांच में सामने आया कि शहर में आंतक व हिंसा फैलाने के लिए सारी सजिश जर्मनी में बैठे मुल्तानी ने रची थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जर्मनी में बैठे प्रतिबंधित गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के मैंबर मुल्तानी के खिलाफ एनआईए ने 5 जनवरी-2023 को गैर जमानती वारंट भी जारी किए थे। इसके अलावा एनआईए ने मुल्तानी के खिलाफ लुक आऊट नोटिस (एलओसी) जारी किया था। एनआईए ने दस लाख का ईनाम देने की भी घोषणा की थी। 22 अप्रैल-2022 को चंडीगढ़ के बुड़ैल जेल की दीवार के पास काले रंग के बैग में टिफिन बम व डेटोनेटर मिला था। जांच में सामने आया कि कि इसका मास्टरमांइड मुल्तानी है, जिसने जर्मनी से आंतक फैलाने व हिंसा को बढ़ावा देने के लिए यह सारी साजिश रची थी।
चंडीगढ़ पुलिस ने पहले अज्ञात लोगों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 के तहत केस दर्ज किया था। मई-2022 को एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया था और इस केस को आरसी-22/2022/एनआईए/डीएलआई के रूप में फिर से पंजीकृत किया गया था, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम -1967 के तहत अतिरिक्त प्रावधान थे। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ था कि मुल्तानी ने जर्मनी से ही साजिश रची थी। वह भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में स्थित खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में था और हिंसा और आतंक को बढ़ावा देने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहा था। जांच के अनुसार, वह सोशल मीडिया के माध्यम से पंजाब के युवाओं की पहचान, भर्ती, उन्हें प्रेरित और कट्टरपंथी बना रहा था। वह पाकिस्तान से भारत में हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ विस्फोटकों की आवाजाही का समन्वय भी कर रहा था। मूल रूप से पंजाब के जिला होशियारपुर की तहसील मुकेरियां के गांव मंसूरपुर के रहने वाले मुल्तानी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत शुक्रवार को एनआईआई की स्पैशल कोर्ट ने भगौड़ा घोषित किया है।
बुड़ेल जेल की दीवार के पास मिले बम से फैल गई थी सनसनी
22 अप्रैल 2022 को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल की बैक साइड दीवार के पास मिले टिफिन बम से पूरे शहर में हड़कंप मच गया था। वहीं पुलिस विभाग ने शहर में सुरक्षा बढ़ा दी थी। चंडीगढ़ के सभी एंट्री और एिग्जट प्वाइंट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस विभाग को पिछले कई दिनों से शहर में बड़ी वारदात को लेकर खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिल रहे थे। इसके बाद से ही पुलिस यहां मुस्तैद थी और जेल के अंदर और बाहर रोजाना चेकिंग कर रही थी। चंडीगढ़Þ के पूर्व एसएसपी कुलदीप सिंह चहल समेत तमाम पुलिस आॅफिसर मौके पर पहुंचे थे। वहीं बम डिस्पोज आफ टीम ने मौके पर पहुंचकर टिफिन बम को कब्जे में लेकर आर्मी को सूचना दी थी। इसके बाद चंडीमंदिर से सेना को भी मौके पर बुलाया गया था। पुलिस ने जेल की ओर आने-जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी थी। रात को सेना ने बम को एक लाल रंग के ड्रम से ढककर सुरिक्षत रख दिया।
अगले दिन कर दिया गया था विस्फोट
अगले दिन सुबह 9 बजे सिविल डिफेंस और जेल अधिकारी मौके पर पहुंचे। करीब सवा एक बजे एनएसजी की टीम ने मुआयना करने के बाद आसपास के लोगों को लगभग 100 मीटर दूर भेजने को कहा था। पुलिस ने तत्काल बैरिकेडिंग कर दी थी। एक बजकर 45 मिनट पर एनएसजी की टीम बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट और अन्य सुरक्षा उपकरण पहनकर आॅपरेशन के लिए उतरी थी। टीम ने सबसे पहले विस्फोटक सामग्री के पास रोबोटिक मशीन भेजकर उसकी गंभीरता को जांचा। सबकुछ ठीक मिलने पर टीम का एक सदस्य बम के पास गया और उसे दीवार से दूर रखा गया। उसके बाद लगभग चार बजकर 18 मिनट पर बम को विस्फोट कर दिया गया।
बुड़ैल जेल में बंद हैं कई गैंगस्टर व अपराधी
बुड़ैल जेल में कई गैंगस्टर और अपराधी बंद हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी जगतार सिंह तारा, परमजीत सिंह भ्यौरा समेत 5 आतंकी बंद हैं। बता दें कि परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा और जगतार सिंह हवारा साल 2004 में बुड़ैल जेल के अंदर से सुरंग बनाकर फरार हो गए थे।
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