चंडीगढ़। हरियाणा में प्राइवेट अस्पतालों के ऑनलाइन इम्पैनलमेंट के लिए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पोर्टल और सॉफ्टवेयर लांच किया। विज ने कहा कि अब निजी अस्पतालों को निर्धारित समय पर सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इम्पैनलमेंट प्रमाण-पत्र भी ऑनलाइन ही जारी किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विज ने खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के द्वारा जारी किए गए ड्रग लाइसेंस संस्थाओं के निरीक्षण हेतु रेंडमाइजेशन एंड रियल टाइम इंस्पेक्शन साॅफटवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत भी की। इस सॉफ्टवेयर को लांच करने वाला हरियाणापहला राज्य है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को विशेष रूप से तृतीयक और सुपर-स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के अलावा निजी अस्पतालों के पैनल के माध्यम से इसकी सुविधा प्रदान की जा रही हैै। वर्ष 2017 से केवल जेसीआई/एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों को पैनल में लिया गया है और पैनल में शामिल होने के लिए कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता है।
उन्होंने बताया कि पैनल में शामिल होने के लिए आवेदन हार्ड कॉपी में, डीजीएचएस कार्यालय में दस्ती या डाक द्वारा जमा किए जाते हैं। आवेदनों को फाइल पर लिया जाता है और स्वास्थ्य मंत्री से लेकर क्लर्क तक अंतिम अनुमोदन तक विभिन्न स्तरों पर संसाधित किया जाता है। इस काम में काफी देरी होने की सूचना मिली थी। जैसे कि आवेदक अस्पतालों द्वारा अपूर्ण आवेदन/अवैध दस्तावेजों को जमा करना, डाक देरी, आवेदन को पूरा करने के लिए अनुचित संचार, ऐसे संचार के दौरान दस्तावेजों की हानि आदि। इससे आवेदकों को अस्पतालों में उनके आवेदनों की स्थिति के लिए ट्रैकिंग प्रणाली की अनुपलब्धता के कारण डीजीएचएस कार्यालय या उच्च कार्यालयों में अनुचित दौरे करने पडते थे।
विज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा सरकार के पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पतालों के आवेदनों पर कार्रवाई करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल पर निजी अस्पतालों को आवश्यक वैध दस्तावेजों के पूरे सेट के साथ जमा किए जाएंगे। लॉगिन आईडी को 4 स्तरों पर बनाया गया है जिसमें पीएम शाखा (एएसएमओ/डीडी), डीजीएचएस, एसीएस (स्वास्थ्य) और स्वास्थ्य मंत्री प्रसंस्करण के लिए और बाद में, आवेदनों को स्वीकृत/अस्वीकार करने के लिए है।
पैनल में हैं 423 निजी अस्पतालः
पोर्टल में एप्लिकेशन की रीयल टाइम ट्रैकिंग सुविधा भी है। आवेदन में कमियां हों, तो आवेदक अस्पतालों को सुधार के लिए पोर्टल पर हाइलाइट किया जाएगा। इससे किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदनों की निगरानी के लिए डैशबोर्ड भी तैयार किया है। वर्तमान में राज्य सरकार के पैनल में 423 (211 मल्टी-स्पेशियलिटी और 208 सिंगल स्पेशलिटी) निजी अस्पताल हैं।
रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इंस्पेक्शन की शुरूआतः
इसी प्रकार खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग के रेंडमाईजेशन एंड रियल टाइम इस्पैक्शन साॅफटवेयर (ड्रग विंग) की शुरूआत भी की है। इस साॅफ्टवेयर को पायलट आधार पर पंचकूला में लागू किया जाएगा। इस साफटवेयर से ड्रग कंट्रोल अधिकारी को रेंडम तरीके से ड्रग यूनिट के निरीक्षण हेतु डयूटी दी जाएगी। सभी ड्रग यूनिट का निरीक्षण ऑनलाइन और रियल टाइम होगा। इस अवसर पर मंत्री को अवगत कराया गया कि वर्तमान में राज्य में 32581 खुदरा एवं थोक ड्रग लाईसेंसधारक हैं। हरियाणा पहला राज्य है जहां इस प्रकार से निरीक्षण साॅफटवेयर लांच किया गया है।
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