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दृष्टि बाधित होने के बावजूद हरियाणा की गरिमा दूसरे बच्चों में जगा रही शिक्षा की अलख

Despite being visually impaired, the dignity of Haryana is awakening the love of education in other children. - Chandigarh News in Hindi

चंडीगढ़। शिक्षा प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है। हर बच्चे को शिक्षा मिले इसी सोच के साथ दूरदर्शी सोच रखने वाली महेन्द्रगढ़ की बालिका गरिमा ने साक्षर पाठशाला से 1 हजार से ज़्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़ा है। गरिमा की यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वह दृष्टि बाधित होने के बावजूद भी दूसरों बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगा रही है। उनके इस अद्वितीय कार्य के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सामाजिक सेवा श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया है। देशभर से 19 बच्चों को इस सम्मान के लिए चुना गया था, जिसमें हरियाणा की ओजस्वी सोच की धनी गरिमा भी शामिल है। 26 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर कर्तव्य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में गरिमा इन सभी बच्चों के साथ हिस्सा ले रही हैं। हरियाणा से इस वर्ष गरिमा एकमात्र बालिका है जिसे यह सम्मान दिया गया है।
बच्चे जब पढ़ेंगे, तभी तो आगे बढ़ेंगेः
हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के नावदी गांव की 9 वर्षीय गरिमा चौथी कक्षा की छात्रा है। गरिमा अपनी साक्षर पाठशाला अभियान के ज़रिए झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों व उनके माता पिता से संपर्क कर उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक कर रही है। अपनी इस मुहिम के ज़रिए गरिमा यह संदेश दे रही है कि यदि वह दृष्टि बाधित हो कर शिक्षा प्राप्त कर सकती है तो अन्य बच्चे क्यों नहीं शिक्षा प्राप्त कर सकते।
वह शिक्षा के महत्व को समझाते हुए बताती है कि पढ़ाई बहुत जरुरी है। बच्चे जब पढ़ेगे, तभी तो आगे बढ़ेगे।अपने शिक्षा के शुरुआती दिनों में जब गरिमा को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा तो उन्हे उन बच्चों का ख्याल आया जो किसी न किसी मज़बूरी की वजह से शिक्षा से वंचित थे। उसी पल उन्होने उन बच्चों के साथ जुड़ने का फैसला किया, जिसमें उसके परिवार ने पूरा सहयोग किया। गरिमा के पिता पेशे से शिक्षक है। गरिमा भी अपने पिता की तरह शिक्षा से जुड़ कर एक शिक्षिका के रूप में समाज में अपना योगदान देना चाहती है।
छोटी सी उम्र में पहुंचाया इस मुक़ाम तकः
छोटी सी उम्र में गरिमा के इस हौसले व असाधारण प्रयास ने ही आज उन्हें इस मुक़ाम तक पहुँचाया है। गरिमा का कहना है कि शिक्षा प्राप्त करना हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। हरियाणा सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए कई योजना चला रही है ताकि प्रदेश का एक भी बच्चा इस अधिकार से वंचित ना रहे।इतनी कम उम्र में इस दिशा में गरिमा का यह कदम प्रदेश ही नहीं पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।

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Web Title-Despite being visually impaired, the dignity of Haryana is awakening the love of education in other children.
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