चंडीगढ़। चंडीगढ़ में केंद्रीय ऊर्जा, शहरी विकास एवं आवासन मंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में ऊर्जा और शहरी विकास विभाग की महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें कैबिनेट मंत्री अनिल विज और विपुल गोयल ने भाग लिया। इन बैठकों में विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा की गई और जनता को बेहतर सुविधाएं देने के प्रयासों पर विचार किया गया।
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बैठक में Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS) की समीक्षा को मुख्य एजेंडा बनाया गया। इस योजना का उद्देश्य देश भर में सस्ते रेट पर प्रभावी और बेहतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। हरियाणा में प्रीपेड मीटर योजना के तहत उपभोक्ताओं को 5 प्रतिशत की छूट देने पर सरकार की सराहना हुई। यह योजना लाइन लॉस को 34 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत तक लाने में मददगार साबित हुई है।
मंत्री ने कहा कि राज्य की पीक डिमांड 14662 मेगावाट है, जिसे हरियाणा 100 फीसदी पूरा करने में सक्षम है। हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जिसकी सभी बिजली वितरण कंपनियां A+ रेटिंग में हैं, जो राज्य की ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है।
शहरी विकास एवं आवासन विभाग
शहरी विकास के क्षेत्र में अमृत 2.0 और मेट्रो प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की गई। मेट्रो प्रोजेक्ट्स के विस्तारीकरण को प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही, 2023 में शुरू की गई PM-ई सेवा योजना की भी समीक्षा की गई, जो शहरी परिवहन को सुदृढ़ करने का उद्देश्य रखती है।
बैठक में छोटे शहरों के क्लस्टर बनाकर विकास करने की योजना को भी सराहा गया। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहरों को स्मार्ट बनाने के प्रयासों पर चर्चा हुई। स्वच्छ भारत 2.0 के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और कूड़ा निस्तारण के कामों की समीक्षा करते हुए भविष्य में इसे और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए।
ये बैठकें हरियाणा में ऊर्जा और शहरी विकास के क्षेत्र में बड़े सुधार की ओर संकेत देती हैं।
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