चंडीगढ़। कांग्रेस पार्टी से बर्खास्त होने के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता बाल मुकुंद शर्मा ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने अपनी बर्खास्तगी को लेकर गंभीर आरोप लगाए। शर्मा ने कहा कि वह पिछले 30 वर्षों से कांग्रेस से जुड़े हुए थे और हाल ही में उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें बर्खास्त किया गया था। उनका दावा है कि जो पत्र जारी किया गया, उसमें उनके नाम के फर्जी साइन किए गए हैं।
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शर्मा ने पार्टी की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, "पार्टी चुनाव हारने के बाद मंथन कर रही थी, लेकिन जब हार के बाद प्रदेशाध्यक्ष को अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी, तो इसके बजाय किसी को बर्खास्त करने का कदम उठाया गया। यह पहली बार है कि मेरी राजनीति में ऐसा हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा, "पार्टी के प्रवक्ता जो आज टीवी डिबेट्स में जा रहे हैं, वे कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हैं।"
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेशाध्यक्ष को अपनी हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि हार के बाद मंथन चल रहा था कि प्रदेशाध्यक्ष और अन्य नेताओं को बदला जाएगा, और इस प्रक्रिया में उनके नाम को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में लिया गया था। लेकिन जैसे ही उनका नाम कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सामने आया, उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
शर्मा ने कहा, "अशोक अरोड़ा को नेता प्रतिपक्ष बनाने का प्रस्ताव था, और मैं आज भी इस बात पर कायम हूँ।" इसके अलावा, उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बेटे को कांग्रेस में सुरक्षित करने के लिए पार्टी की बलि दी और चार सीटें अपने बेटे को सांसद बनाने के लिए दे दी।
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