चंडीगढ़। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हरियाणा में सरकार की पशुधन विकास योजनाओं एवं क्रियाकलापों से उन्नत किस्म के दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय से केन्द्र का वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प पूरा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के प्रयासों से आने वाले समय में हरियाणा एक मॉडल बनकर उभरेगा।
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राज्यपाल शुक्रवार को करनाल के एनडीआरआई परिसर में पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय पशु मेला/प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित पशुपालकों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के हित को लेकर उदार है, यही कारण है कि सरकार ने नये वित्तीय वर्ष में पशुपालन से जुड़ी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक की धन राशि का प्रावधान किया है। इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी और पशुपालक, किसान खुशहाल होंगे। उन्होंने बताया कि विश्व में ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। अब उसकी बराबरी करने के लिए देश में आधुनिक एवं स्थापित वैज्ञानिक सिद्धांतों एवं कौशल के इस्तेमाल से उत्तम तकनिकों को डेयरी पशुपालकों तक पहुंचाया जा रहा है। हरियाणा इस तरह के प्रयासों में अग्रणी रूप से काम कर रहा है। अब इस प्रदेश में सेक्स सोर्टिड सिमन (संभोग वीर्य) के इस्तेमाल से बछडिय़ों की संख्या में वृद्धि होगी। अभी तक किसानों को इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन अब नस्ल सुधार के इस कार्यक्रम से अधिक दूध देने वाली बछडिय़ों की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने इसे सरकार का एक अहम कदम बताया।
राज्यपाल ने बताया कि वे स्वयं गौरक्षक और पशुपालक हैं। उनके प्रयासों से गुरूकुल कुरूक्षेत्र में उन्न्त गाय रखी गई हैं। जिनमें अधिक दूध देने वाली गाय शामिल हैं। इनसे हर वर्ष दूध उत्पादन में वृद्धि की जा रही है। उन्होंने बताया कि वे करीब 15-20 सालों से इस मिशन पर काम रहे हैं और गुरूकुल की गाय ने 48 किलो 200 ग्राम दूध देकर राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है उनकी एक गाय 52 लीटर दूध देती है। उनका प्रयास है कि देसी नस्ल की साहीवाल, सिन्धी व गीर गायों की संख्या में वृद्धि कर दूध उत्पादन को बढ़ाया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि पशुधन विकास राष्ट्र की सेवा है और पशु मेलों के आयोजन से पशुपालकों को प्रोत्साहित करने का अवसर मिलता है। किसान मेले में आकर पशुपालन से जुड़ी उपयोगी जानकारी हासिल करते हैं और उसके प्रयोग से पशुधन विकास करके दूसरे किसानों को भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने मेले आयोजन को लेकर पशुपालन विभाग की सरहाना की और मेले में आए पशुपालकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से हरियाणा आने वाले समय में एक मॉडल बनकर उभरेगा। राज्यपाल ने प्रदेशभर से आए उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी तथा भिन्न-भिन्न विभागों एवं कम्पनियों की ओर से लगाए गए स्टाल का अवलोकन किया।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण और पशुपालन मंत्री जय प्रकाश दलाल ने इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में फसलों की लागत कम करके किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे हर साल 4 से 5 हजार प्रति एकड़ लागत कम होगी। उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। इसके लिए पशु क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है, जिससे पशुपालक 3 लाख तक का ऋण 4 प्रतिशत साधारण ब्याज पर प्राप्त कर सकता है। इससे छोटे व सीमांत किसानों को फायदा होगा आने वाले वर्षों में किसानों के लाखों की संख्या में पशु क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे।
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