बलवंत तक्षक. चंडीगढ़। हरियाणा के एक ऐसे आईएएस अफसर हैं, जिन्होंने कभी अपना मिजाज नहीं बदला। यही वजह रही कि हरियाणा में सरकार किसी की भी रही हो, वे लगातार तबादले झेलते रहे। ये अफसर हैं प्रदीप कासनी, वे 33 साल की नौकरी में 69 तबादले झेल चुके है। अब वे अगले साल रिटायर हो जाएंगे।
कांग्रेस की हुड्डा सरकार के दौरान जब भी कासनी का तबादला होता था, भाजपा नेता बयान दागने में जरा भी देर नहीं करते थे कि एक ईमानदार अफसर को काम नहीं करने दिया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा था कि हरियाणा में जब भी भाजपा सत्ता में आएगी, कासनी को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।
भाजपा सत्ता में तो आई, लेकिन अपने ढाई साल के कार्यकाल में कासनी को ताश के पत्तों की तरह फेंटती रही है। हाल ही में आई 19 आईएएस अफसरों की तबादला सूची में एक बार फिर उनका नाम शामिल किया गया है। कासनी को हरियाणा खादी व ग्रामोद्योग विभाग में भेजा गया है, जिसे अफसरों की भाषा में "खुड्डे लाइन" पोस्टिंग कहा जाता है।
हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के बाद माना गया था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उन्हें अपने आॅफिस में कोई बड़ी नियुक्ति देंगे। थोड़े दिनों बाद उन्हें गुरुग्राम डिवीजन का कमिश्नर बना दिया गया। लेकिन जल्दी ही उन्हें वहां से बिना नई नियुक्ति दिए हटा भी दिया गया। सरकार के इस फैसले पर तब बड़ी हैरानी जाहिर की गई थी।
इसके बाद कासनी लगातार एक के बाद दूसरे महकमे में भेजे जाते रहे। कभी पुरातत्व व संग्रहालय, कभी आईटीआई, कभी विज्ञान व तकनीकी तो कभी किसी बोर्ड-निगम में। राज्य सिविल सेवा से आईएएस में आए कासनी ऐसे तबादलों के इतने अभ्यस्त हो चुके हैं कि अब जल्दी से कोई प्रतिक्रिया भी नहीं देते। हां, इतना जरूर है कि हरियाणा में सरकार चाहे किसी की भी रही हो बिना कोई परवाह किए कासनी अपने तरीके से चलते रहे हैं। कासनी को अगले साल सेवा से रिटायर हो जाना है। ऐसे में बाकी बचे सेवाकाल के दौरान वे अपना मिजाज बदल पाएंगे, इसकी संभावना नहीं है।
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