गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में आईआईटी की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इस मौके पर मोदी ने डिजिटल साक्षरता को लेकर जागरुकता पर जोर देने की बात कही। पीएम ने अपने संबोधन में कहा, हम डिजिटल साक्षरता को देश के हर हिस्से तक फैलाने के लिए काम कर रहे हैं। जिससे कि डिजिटल डिवाइड को खत्म किया जा सके। पीएम ने आईआईटी गांधीनगर में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, देश में डिजिटल असंतुलन नहीं होना चाहिए। अगर हम यूजर फ्रेंडली तकनीक का इस्तेमाल करेंगे, तो देश को डिजिटल साक्षरता के रास्ते पर हम ले जा सकते हैं। मोदी ने डिजिटल इंडिया का जिक्र करते हुए कहा, डिजिटल शिक्षा के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। हर वर्ग के लोगों को तकनीक से जोडऩा जरूरी है। इसके साथ ही देश के हर गांव को डिजिटल बनाने का हमारा लक्ष्य है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा दुनिया में कहीं भी फरेंसिक साइंस की यूनिवर्सिटी नहीं है, लेकिन केवल गुजरात में ऐसी यूनिवर्सिटी है। इसके साथ ही गुजरात देश का दूसरा राज्य था, जिसने पुलिस यूनिवर्सिटी की स्थापना की। मोदी ने कहा, जब गांव के किसी घर में टीवी आता है, तो शुरुआत में सबको लगता है कि यह क्या है, लेकिन बच्चा जब कुछ ही दिन में चैनल बदलना सीख जाता है, तो उसके बाद बुजुर्ग भी सीखना शुरू कर देते हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान विकास का जेएएम फॉर्म्युला देते हुए कहा, अब विकास की जेएएम अवधारणा सामने आई है। जे फॉर जन, ए फॉर आधार और एम फॉर मोबाइल फोन। एक डिजिटल भारत पारदर्शिता, प्रभावी सेवा वितरण और गुड गवर्नेंस की गारंटी देता है।
पीएम ने साथ ही कहा कि हिंदुस्तान में आईआईटी एक ब्रैंड बन चुका है। आने वाले वक्त में आईआईटी के कैंपसों पर चर्चा होगी। पीएम मोदी ने देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षा के स्तर का जिक्र करते हुए कहा, दुनिया की 100 टॉप यूनिवर्सिटी में भारत की कोई यूनिवर्सिटी का नाम शामिल नहीं है। यह कलंक मिटना चाहिए। मोदी ने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार आजादी के बाद की पहली सरकार है, जिसने छोटे शहरों में हवाई संपर्क उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (एनसीएपी) तैयार की है। प्रधानमंत्री ने यहां एक नए हवाईअड्डे की आधारशिला रखने के लिए आयोजित समारोह में एनसीएपी के बारे में बातें की।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के मुताबिक, मोदी ने समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हवाईअड्डा एक क्षेत्र या एक राज्य के लोगों के लिए विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मोदी ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि राजकोट और सुरेंद्रनगर जिलों के बीच बनने वाले इस हवाईअड्डे की 96 फीसदी जमीन गुजरात सरकार की बंजर जमीन है। गुजरात सरकार ने राजकोट के हीरासर में एक ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा के निर्माण का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि राजकोट के वर्तमान हवाईअड्डा के क्षमता विस्तार की गुंजाइश नहीं है।नए हवाईअड्डे के विकास के शुरुआती चरण पर 1,405 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
एएआई द्वारा संचालित नई हवाईअड्डा परियोजना पर टिप्पणी करते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने कहा, चूंकि मौजूदा हवाईअड्डे के विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है और संभावित यातायात मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में एएआई द्वारा किए जा रहे नए हवाईअड्डा के निर्माण निश्चित रूप से राजकोट की भविष्य की मांगों को पूरा करेगा और आगे बढऩे वाले इस शहर में बुनियादी ढांचागत विकास करेगा। मौजूदा राजकोट हवाईअड्डा पर वर्तमान में प्रति सप्ताह लगभग 100 आवागमन होता है, और वित्त वर्ष 2016-17 में चार लाख से अधिक यात्रियों की यहां से आवाजाही हुई है।
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