नई दिल्ली । कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन का प्रदर्शन जारी है, पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसान लगातार आंदोलन छेड़े हुए हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर अब किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक नया तरीका निकाला है। जिसमें किसानों ने बॉर्डर पर एक बैनर और जमीन पर 'धारा 288' लिख दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल किसानों का मानना है कि वो पुलिस के साथ शांति व्यवहार बनाए रखना चाहते हैं। किसानों का कहना है कि, "अगर प्रशासन हमारे ऊपर धारा 144 लगाती है, तो हम और सख्ती से इस धारा का पालन करेंगे। यानी न कोई इधर आ पाएगा और ना ही हम उधर जाएंगे।"
हालांकि अभी तक प्रशासन द्वारा धारा 144 नहीं लगाई गई है।
किसानों का कहना है कि, "न हम उस तरफ जाएंगे और न किसी को इधर आने देंगे। हमारे नियम कायदों का भी सम्मान किया जाना चाहिए, जिससे शांति बनी रहे।"
जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिसकर्मी, आरएएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है। वहीं रविवार के मुकाबले आज गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा सख्त है।
बॉर्डर पर बैरिकेड के अलावा, बड़े बड़े पत्थर लगाकर बीच में रास्ते को ब्लॉक किया हुआ है।
दरअसल केंद्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं। जिसके खिलाफ किसानों का ये आंदोलन छिड़ा हुआ है।
देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है। वहीं ये सभी संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
उनका कहना है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों व बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा। किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाने का भी डर है।
--आईएएनएस
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