नई दिल्ली। केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश कर चुकी है। इसे लेकर सियासत भी जमकर हो रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि जिनका एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है वो लोग वक्फ बोर्ड के नियम बना रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि पहले आप इस मामले पर चर्चा तो कीजिए। सत्ता पक्ष का न ही लोकसभा में कोई मुस्लिम सांसद है और न ही राज्यसभा में कोई सांसद है। वो बिना किसी से चर्चा किए वक्फ बोर्ड पर नियम बना रहे हैं। ये कैसे संभव हो सकता है ?
पवन खेड़ा ने कहा कि एनडीए के उनके सहयोगी चंद्र बाबू नायडू और चिराग पासवान ने इसका विरोध किया है। फिर उनसे जाकर पूछिए कि वो क्यों विरोध कर रहे हैं ? मैं तो भाजपा को यह सलाह दूंगा कि वो मुख्तार अब्बास नकवी जी से पूछ लें कि क्या वो इस बिल के पक्ष में हैं या फिर विरोध में हैं। उनको इसका जवाब मिल जाएगा।
बसपा प्रमुख मायावती के कांग्रेस पर एससी-एसटी को दिए बयान को लेकर भी पवन खेड़ा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मायावती से लोगों का विश्वास उठ चुका है। अब उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता है।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के कथित यौन उत्पीड़न और हत्या के मामले को कांग्रेस नेता ने गंभीर विषय बताया। उन्होंने कहा कि मृतक डॉक्टर 36 घंटे तक अपनी सेवाएं दे रही थीं। उनके लिए इतनी सुरक्षा और सुविधा नहीं थी कि वो खुद को महफूज कर सके। ये बेहद चिंता का विषय है। अगर देश के किसी भी कोने में ऐसी घटना होती तो सभी को राजनीति से ऊपर उठकर इस पर चर्चा करनी चाहिए कि समाज में इस तरह का अपराध क्यों बढ़ता जा रहा है ?
बांग्लादेश में हिंदुओं की वर्तमान स्थिति को लेकर भी पवन खेड़ा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि सरकार उनकी (एनडीए) है। पड़ोस में क्या हो रहा है उनकी खुफिया एजेंसी ने नहीं बताया था ? वो क्या कदम उठा रहे हैं बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए ? विपक्ष तो इन मुद्दों पर सवाल उठाता ही है, लेकिन आप करने की स्थिति में हैं तो फिर कोई कदम क्यों नहीं उठाते हैं ?
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र और विपक्ष मजबूत है। लोकतंत्र पर प्रहार करने की कोशिश बहुत की गई। आज जो लोग बांग्लादेश और पाकिस्तान को देख रहे हैं उन्हें समझ में आता होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने देश के लोकतंत्र की मजबूत नींव रखी थी। कितना भी प्रहार हो जाए,लेकिन इस देश का लोकतंत्र हिलता नहीं है।
--आईएएनएस
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