नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एक शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं पर कथित रूप से टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के खिलाफ सभी एफआईआर सोमवार को इंदौर स्थानांतरित कर दी। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने दिल्ली में प्रोडक्शन वारंट के संबंध में फारूकी की अंतरिम सुरक्षा को तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया।
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पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजय करोल भी शामिल हैं, ने स्पष्ट किया कि अदालत मामले को रद्द करने की याचिका के गुण-दोष पर विचार नहीं कर रही है।
फारूकी के वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर को इंदौर स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वहां उनके मुवक्किल की सुरक्षा को खतरा है। पीठ ने मौखिक रूप से कहा: इंदौर एक सुरक्षित शहर है। यह मुंबई के करीब भी है। एफआईआर को इंदौर स्थानांतरित करने में क्या समस्या है?
वकील ने बेंच से एफआईआर को क्लब करने और उन्हें मुंबई या दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया, न कि इंदौर या प्रयागराज में। उन्होंने कहा कि भारी भीड़ थी और इन शहरों में उनके मुवक्किल की सुरक्षा को लेकर खतरा था।
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, तथ्यों और परिस्थितियों और इस अदालत के पिछले आदेश को ध्यान में रखते हुए, हम सभी शिकायतों को इंदौर के एक पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने के इच्छुक हैं।
पीठ ने कहा कि जहां तक इसे रद्द करने की प्रार्थना है, उसने इस मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया है। याचिकाकर्ता कानून के तहत अनुमत ऐसी कार्यवाही शुरू करने के लिए स्वतंत्र है।
शीर्ष अदालत ने फरवरी में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जमानत देने से इनकार के आदेश पर रोक लगाते हुए फारूकी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था। एक भाजपा विधायक के बेटे ने फारुकी व अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
प्राथमिकी के मुताबिक, यह टिप्पणी जनवरी 2021 में इंदौर के एक कैफे में आयोजित एक कॉमेडी शो में की गई थी। आरोप है कि शो में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर मजाक किया गया था।
--आईएएनएस
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