नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और फुटपाथ का यूरोप के शहरों की तर्ज पर कायाकल्प करने के लिए सरकार ने दिल्ली में सड़कों का एक अध्ययन शुरू किया है, जिसमें 783 किलोमीटर लंबी सड़क और 918 प्रमुख चौराहों के साथ 120 गलियारे (कॉरिडोर) शामिल हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत इंडियन एकेडमी ऑफ हाइवे इंजीनियर्स (आईएएचई) मेडुला सॉफ्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर दिल्ली की सड़कों और फुटपाथों का अध्ययन शुरू किया है।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि अध्ययन में छोटे और दीर्घकालिक दोनों उद्देश्यों को शामिल किया जाएगा और यह कदम दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं की अधिक संख्या को देखते हुए उठाया गया है।
छोटी अवधि के लक्ष्यों के साथ मेडुला सॉफ्ट टेक्नोलॉजीज को प्रमुख यातायात बाधाओं की पहचान करने, इनका समाधानों का परीक्षण करने और मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है।
इसमें सुरक्षा एवं सुविधाओं के साथ ही जंक्शन के डिजाइन में सुधार भी शामिल हैं।
इस दौरान दुर्घटना-संभावित स्थानों (ब्लैक स्पॉट) का अध्ययन भी किया जाएगा। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के परिवहन के साधनों जैसे मेट्रो, रेलवे, प्रमुख बस स्टॉप आदि तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही सुरक्षित मार्ग को लेकर भी अध्ययन किया जाएगा।
प्रमुख स्थानों पर सड़क पाकिर्ंग से संबंधित मुद्दों की पहचान और संभावित समाधानों को भी अध्ययन में शामिल किया गया है।
बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कें यूरोपीय शहरों की तर्ज पर बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने कंसल्टेंट भी नियुक्त किया है। कंसल्टेंट को जल्द से जल्द डिटेल प्लान बनाकर सौंपने का निर्देश दिया गया है। साथ ही फरवरी 2021 तक डीपीआर बनाने को कहा गया है।
दिल्ली सरकार जून 2021 तक सड़कों को खूबसूरत बनाने का काम शुरू करना चाहती है। 2023 की शुरूआत में इन सड़कों के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
--आईएएनएस
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