अदालत के समक्ष दायर कई याचिकाओं में कहा गया है कि निजता मौलिक अधिकार है
या नहीं, यह मुद्दा आधार योजना को चुनौती देने के लिए महत्वूपर्ण है और
निजता के अधिकार की कसौटी है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सरकार द्वारा आंख
की पुतलियों का स्कैन और उंगलियों के निशान लेना नागरिकों के निजता के
अधिकार का उल्लंघन है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अगर नौ न्यायाधीशों वाली
पीठ इस मामले की जांच के बाद फैसला करती है कि निजता का अधिकार एक मौलिक
अधिकार है तो आधार योजनाओं से संबंधित सभी मामले तीन न्यायाधीशों वाली मूल
पीठ के पास चले जाएंगे। ये भी पढ़ें - श्मशान में सजी महफिल, बार-बालाओं ने लगाए ठुमके
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