नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को केरल उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए हादिया और शाफिन जहां के विवाह को बहाल कर दिया। इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने दंपति के विवाह को आमन्य करार दिया था। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक संक्षिप्त आदेश में कहा कि एनआईए इस मामले में आपराधिक पहलुओं की जांच जारी रख सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि हादिया की शादी को
रद्द करने का फैसला पूरी तरह गलत था। कोर्ट ने कहा कि हादिया अपनी पढ़ाई
जारी रख सकती है और जो वह चाहती हैं कर सकती हैं।
बता दें कि पिछले साल हादिया ने मुस्लिम धर्म अपनाकर शफी जहां नाम के
शख्स से निकाह कर लिया था, जिसके बाद लड़की के पिता अशोकन केएम ने इस मामले
को लेकर कोर्ट में गुहार लगाई थी। केरल हाईकोर्ट ने इसे 'लव जिहाद' का
मामला मानते हुए शादी को रद्द कर दिया था। हादिया के पति शफी ने हाईकोर्ट
के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल
नवंबर में हादिया को तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज में अपनी
शिक्षा जारी रखने की अनुमति दी थी। सुनाते हुए कहा कि हादिया किसी की
कस्टडी में नहीं रह सकती है।
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