रविशंकर प्रसाद ने उनकी आपत्तियों को खारिज कर दिया।
प्रसाद ने कहा कि विधेयक को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार मुस्लिम
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए लाया गया है। तत्काल तलाक की वजह से
बहुत-सी मुस्लिम महिलाएं पीड़ित हैं। यह विधेयक राष्ट्रहित में है और
संवैधानिक है। आपत्तियां निराधार हैं।"
सरकार पिछले मॉनसून सत्र में राज्यसभा में यह विधेयक पारित नहीं करा सकी
थी।
सरकार ने 19 सितंबर को एक अध्यादेश जारी कर तीन तलाक को अपराध करार दिया
था।
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-आईएएनएस
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