नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। 97 मिनट के अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक देश, एक चुनाव', यूसीसी, अर्थव्यवस्था, किसानों की आय, आदिवासियों की समस्याओं समेत तमाम मुद्दों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री के भाषण पर आईएएनएस ने आम लोगों से उनकी राय जानी।
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बच्चों को पढ़ाने वाले रवींद्र कुमार यूसीसी पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए भाषण पर कहते हैं, "जब हमारा राष्ट्र धर्मनिरपेक्ष है। तो, यहां पर धर्म के आधार पर कोई भी कानून नहीं होना चाहिए। पिछले 5000 सालों से हम लोग अंधकार में थे, फिर आजादी के बाद पिछले 75 सालों से भी अंधकार में थे। इस सरकार में हम लोगों का विकास हो रहा है। हम लोग अंधकार से प्रकाश में आ रहे हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी के राजनीति में एक लाख युवाओं को लाने वाले बयान पर एलआईसी में काम करने वाले लवकेश कुमार ने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है। सबको बारी-बारी से मौका मिलेगा। इसमें थोड़ी सी दिक्कत यह है कि राजनीति में अगर हम सभी युवाओं को एक साथ मौका दे देंगे तो अनुभव की कमी आ जाएगी।"
राखी कुमारी ने कहा, "हर घर से महिलाएं काम पर जाती हैं। चाहें वह पुलिस में हो, डॉक्टर हो, नर्स हो, टीचर हो। आप देख रहे हैं पश्चिम बंगाल में एक डॉक्टर के साथ क्या हुआ? मां-बाप कितने जतन से अपनी बच्ची को पढ़ाकर डॉक्टर बनाते हैं। सोचिए ऐसी घटना के बाद मां-बाप पर क्या गुजरती होगी। प्रधानमंत्री के भाषण की तारीफ होनी चाहिए।"
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतीक कहते हैं, "प्रधानमंत्री ने जो एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने का जिक्र किया, वह बहुत अच्छा है, वह आम आदमी को मौका देंगे। इससे राजनीति सुधरेगी।"
--आईएएनएस
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