नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के तहत संचालित तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) अपनी कार्यगत पूंजी की जरूरतों के लिए 10 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा के रूप में ले सकती हैं। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में यह बात कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वित्त मंत्रालय ने कहा कि तेल कंपनियां चरणबद्ध ढंग से पांच साल अवधि में परिपक्वता वाली वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के जरिये 10 अरब डॉलर जुटा सकती हैं, जिसकी आरंभिक किस्त चार अरब डॉलर और इसके बाद तीन-तीन अरब डॉलर की दो किस्तों में एक साल के भीरत धन जुटा सकती हैं।
मंत्रालय के इस बयान से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तेल कंपनियों की कार्यशील पूंजी के लिए बुधवार को ईसीबी के मानदंडों में ढील देने का फैसला लिया। आरबीआई ने कंपनी विशेष के तय सीमा 75 करोड़ डॉलर या समतुल्य और हेजिंग की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। आरबीआई ने यह कदम रुपए की गिरावट को थामने के मकसद से उठाया है।
आरबीआई ने तेल कंपनियों को उनकी डॉलर की जरूरतों की पूर्ति विदेशों से करने के लिए उत्साहित करने की कोशिश की है, ताकि डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट रोकी जाए।
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