मुंबई/नई दिल्ली। शिवसेना नेतृत्व
के करीबी माने जाने वाले और 300 से अधिक अपराधियों को खत्म करने वाले मुंबई
के 'एनकाउंटर किंग' नाम से विख्यात पूर्व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप
शर्मा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वसूली रैकेट मामले में पूछताछ
की है।
दरअसल प्रदीप शर्मा की क्राइम ब्रांच की क्रिमिनल इंटेलिजेंस यूनिट के
प्रमुख सचिन वाजे से कई बार हुई मुलाकात के बाद एनआईए ने यह कदम उठाया है,
जिन्हें शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से
लदी एसयूवी स्कॉर्पियो मामले में गिरफ्तार किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्व
मुठभेड़ विशेषज्ञ शर्मा से की गई पूछताछ भारत की वाणिज्यिक राजधानी में
जबरन वसूली रैकेट के संबंध में एक नया एवं रोचक मोड़ है। इस मामले के तूल
पकड़ने और सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के उच्च-प्रोफाइल
गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा तक देना पड़ा है।
सूत्रों ने कहा कि शर्मा से पूछताछ में वाजे से जुड़े कई पुलिस और राजनीतिक नेताओं की भूमिका भी सामने आ सकती है।
उच्च
पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि 2019 में शिवसेना के टिकट पर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रदीप शर्मा वाजे के साथ नियमित
संपर्क में रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि आरोपी पुलिस अधिकारी वाजे की ओर से
इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन के कॉल डेटा रिकॉर्ड से यह खुलासा हुआ है।
अंबानी
के घर के पास विस्फोटक से लदी एक एसयूवी प्लांट करने के रहस्य की गहराई से
जांच करने के लिए और उच्च अधिकारियों के साथ वाजे के लिंक का पता लगाने के
लिए एनआईए ने बुधवार को शर्मा को अपने मुंबई स्थित कार्यालय में तलब किया।
भाजपा के प्रवक्ता राम कदम ने आईएएनएस से कहा, "जबरन वसूली रैकेट
में शामिल पुलिस और राजनेताओं के इस गठजोड़ का पर्दाफाश होना है। हमें
उम्मीद है कि एनआईए सबूत इकट्ठा करेगी और जबरन वसूली रैकेट का संरक्षण करने
वाले सरकार में शामिल नेताओं को बेनकाब करेगी।"
सूत्रों ने बताया
कि शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा, जो कभी क्राइम ब्रांच में वाजे के बॉस रहे
थे, उन्होंने मार्च के पहले सप्ताह में मुंबई पुलिस मुख्यालय में अपने
पूर्व अधीनस्थ वाजे से मुलाकात की थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि वाजे से
मिलने के अलावा, शर्मा की मुलाकात विनायक शिंदे से भी हुई थी, जो मनसुख
हिरेन की हत्या में वाजे के साथ एक सह आरोपी है। विस्फोटक से लदी एसयूवी
हिरेन की थी।
आरोपी कांस्टेबल विनायक शिंदे पहले शर्मा के साथ काम
कर चुके हैं और कथित तौर पर एनकाउंटर किंग के जरिए ही उनकी मुलाकात वाजे से
हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि क्राइम ब्रांच कार्यालय के बाहर सचिन
वाजे और प्रदीप शर्मा के बीच एक और महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। ऐसी संभावना है
कि यह बैठक मुंबई के पश्चिमी उपनगर इलाके में हुई थी।
इस तरह की
बैठकों की एक सीरीज के बाद, वाजे को बाद में कई दिनों तक उनके कार्यालय में
नहीं देखा गया था और अंत में 13 मार्च की रात को एनआईए द्वारा उन्हें
गिरफ्तार कर लिया गया था।
तीन बार के भाजपा विधायक राम कदम ने कहा
कि शर्मा से पूछताछ महत्वपूर्ण है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, "इस समय,
मैं केवल यह कह सकता हूं कि कैसे शिवसेना के करीबी अधिकारी जैसे वाजे और
शर्मा से एनआईए द्वारा पूछताछ की जा रही है? आखिर शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व
के करीबी अधिकारी जांच के घेरे में क्यों हैं?"
आईएएनएस ने प्रदीप
शर्मा से संपर्क करने के कई प्रयास किए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं
दिया। शर्मा के करीबी एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक बार उनकी पूछताछ
पूरी हो जाने के बाद, शर्मा संभवत: मीडिया के सामने अपना पक्ष रखेंगे।
यह
माना जाता है कि प्रदीप शर्मा और सचिन वाजे पुलिस विभाग में अपने शुरुआती
दिनों से ही करीब थे। बाद में यह मुठभेड़ जोड़ी शिवसेना नेतृत्व के करीब आ
गई। प्रदीप शर्मा से भी पहले वाजे शिवसेना में शामिल हुए थे। वाजे 2007 में
शिवसेना में शामिल हुए थे और उन्हें पार्टी प्रवक्ता नियुक्त किया गया था।
2019
के अंत में जब महाराष्ट्र में शिवसेना सत्ता में आई, तो सचिन वाजे, जो
वर्षों से निलंबित थे, उनकी 2020 में राज्य सरकार द्वारा सेवा बहाल कर दी
गई थी।
प्रदीप शर्मा और क्राइम ब्रांच में उनके पूर्व
सब-इंस्पेक्टर, सचिन वाजे दोनों ने दाऊद इब्राहिम गिरोह के दर्जनों
शार्पशूटरों को मार गिराया था।
वाजे की ओर से पुलिस मुठभेड़ों में
63 बदमाशों को मारने का दावा किया जाता है, जबकि प्रदीप शर्मा के बारे में
कहा जाता है कि उन्होंने अपने 35 वर्ष के पुलिस कैरियर में 300 से अधिक
अपराधियों को मौत की नींद सुला दिया था।
शर्मा को उनकी टीम के
सदस्यों द्वारा 'एनकाउंटर किंग' के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने
वांछित गैंगस्टर्स की सबसे अधिक संख्या में हत्या की है।
प्रदीप
शर्मा के एनकाउंटर और उनके द्वारा निभाए गए विभिन्न ऑपरेशंस के आधार पर कई
फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें 'अब तक छप्पन', 'सत्या', 'कंपनी' सहित अन्य
फिल्में शामिल हैं।
--आईएएनएस
गुजरात के मोरबी में कारखाने की दीवार गिरने से 12 लोगों की मौत
वकील की हड़ताल के चलते ज्ञानवापी मामले की सुनवाई टली
दिल्ली हाईकोर्ट ने आठवीं कक्षा तक 'स्वास्थ्य एवं योग विज्ञान' को अनिवार्य करने की मांग वाली जनहित याचिका पर मांगा जवाब
Daily Horoscope