नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यह कहते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की एक दर के सुझाव को खारिज कर दिया कि ‘मिल्क और मर्सिडीज पर कर की एक दर नहीं हो सकती।’ उन्होंने दावा किया कि अप्रत्यक्ष कर की यह नई प्रणाली भारतीय सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है। समाचार पत्रिका स्वराज्य को दिए एक साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि यह बहुत आसान होगा कि कर की एक ही दर रखी जाए, लेकिन तब खाने के सामानों के लिए शून्य फीसदी कर की व्यवस्था नहीं हो सकेगी। क्या हम मिल्क (दूध) और मर्सिडीज के कर की दर एक ही रख सकते हैं? ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री ने एक ही जीएसटी दर के सुझाव के लिए कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि इसका अर्थ यह हुआ कि वे खाद्य सामग्री व अन्य सामानों को, जिन पर अभी पांच फीसदी कर लग रहा है, उन पर 18 फीसदी कर चाहते हैं।
जीएसटी के फायदों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अबतक 66 लाख उपक्रम पंजीकृत हुए थे, जबकि जीएसटी आने के बाद महज एक साल में 48 लाख नए उद्यम पंजीकृत हुए हैं। 350 करोड़ बीजक तैयार हुए और 11 करोड़ रिटर्न फाइल किए गए। उन्होंने पूछा कि इन आकड़ों को देखते हुए क्या यह कहा जा सकता है कि जीएसटी बहुत जटिल है?
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